साल भर ढंके रहते हैं चरण
साल भर बिहारी जी के चरण फूलों व वस्त्रों से ढंके रहते हैंं। सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन उनके चरणों के दर्शन होते हैं। ऐसे में उनका हर भक्त अपने आराध्य के चरणों की एक झलक पाने को लालाहित रहता है। दूर दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं । मान्यता है कि जिस भक्त को उनके चरणों के दर्शन प्राप्त होते हैं, उस पर बांके बिहारी विशेष कृपा बरसाते हैं। आपको बता दें कि बांके बिहारी राधा कृष्ण का संयुक्त रूप माना जाता है।
साल भर बिहारी जी के चरण फूलों व वस्त्रों से ढंके रहते हैंं। सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन उनके चरणों के दर्शन होते हैं। ऐसे में उनका हर भक्त अपने आराध्य के चरणों की एक झलक पाने को लालाहित रहता है। दूर दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं । मान्यता है कि जिस भक्त को उनके चरणों के दर्शन प्राप्त होते हैं, उस पर बांके बिहारी विशेष कृपा बरसाते हैं। आपको बता दें कि बांके बिहारी राधा कृष्ण का संयुक्त रूप माना जाता है।
चरणों में पायल
अक्षय तृतीया के दिन बिहारी जी का विशेष श्रृंगार व पूजन किया जाता है। उन्हें मल्यागिरी का चंदन लगाया जाता है । चरणों में पायल भी पहनायी जाती है। उनकी पंखा सेवा भी अक्षय तृतीया के दिन से ही शुरू होती है। अक्षय तृतीया के दिन बांके बिहारी को ठंडी चीजों जैसे सत्तू के लड्डू, शरबत, ककड़ी और आमरस का भोग लगाया जाता है।
अक्षय तृतीया के दिन बिहारी जी का विशेष श्रृंगार व पूजन किया जाता है। उन्हें मल्यागिरी का चंदन लगाया जाता है । चरणों में पायल भी पहनायी जाती है। उनकी पंखा सेवा भी अक्षय तृतीया के दिन से ही शुरू होती है। अक्षय तृतीया के दिन बांके बिहारी को ठंडी चीजों जैसे सत्तू के लड्डू, शरबत, ककड़ी और आमरस का भोग लगाया जाता है।
सुरक्षा व्यवस्था चौकस
हर साल अक्षय तृतीया के दिन बांके बिहारी की एक झलक पाने को उनके लाखों भक्त दूर दूर से मथुरा पहुंचते हैं। इसका ध्यान रखते हुए इस बार भी मथुरा में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। भारी पुलिस बल वहां तैनात है। शहर में बाहरी वाहनों का प्रवेश निषेध कर दिया गया है।
हर साल अक्षय तृतीया के दिन बांके बिहारी की एक झलक पाने को उनके लाखों भक्त दूर दूर से मथुरा पहुंचते हैं। इसका ध्यान रखते हुए इस बार भी मथुरा में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। भारी पुलिस बल वहां तैनात है। शहर में बाहरी वाहनों का प्रवेश निषेध कर दिया गया है।