हिन्दुओं की भावनाएं हो रही आहत बता दें, अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि आगरा के लाल किले में स्थित मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्ति के दबे होने व उन पर मुस्लिम लोगों के चलने से हिन्दुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। वहीं अपने इस दावे के समर्थन में उन्होंने औरंगजेब के मुख्य दरबारी साखी मुस्तेक खान द्वारा लिखित पुस्तक मासर-ए-आलम गिरी का हवाला दिया है। साथ ही वाद में प्रार्थना करते हुए लाल किले में मौजूद बेगम साहिबा की सीढ़ियों का सर्वे कराकर मूर्ति निकलवाने की बात कही।
ये भी पढ़ें: Mathura Court: हिंदू महासभा की याचिका, ईदगाह पर लगे लाउडस्पीकर पर रोक और सर्वे कराने की मांग सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत करेगी सुनवाई अधिवक्ता ने अर्जी में डायरेक्टर जरनल आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया, अधीक्षक भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण आगरा, निदेशक भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण व केंद्रीय सचिव को पार्टी बनाया गया है। वहीं अर्जी पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत आज सुनवाई कर सकती है। गौरतलब है कि गुरुवार को मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में जिला जज की अदालत में पहली सुनवाई हुई। सीनियर डिविजन जज ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है।
ये भी पढ़ें: UP के 2 करोड़ युवाओं को टैबलेट और स्मार्ट फोन देने की तैयारी में योगी सरकार, जानें पूरा प्लान श्रीकृष्ण का वंशज बताने वाले याची ने दी नई याचिका उधर, खुद को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज बताने वाले मनीष यादव नाम के याचिकाकर्ता ने भी एक नई याचिका दायर की है। इस याचिका में गर्मी की छुट्टियों के दौरान कृष्ण जन्मभूमि परिसर में यथास्थिति बहाल करने की मांग की है। साथ ही ईदगाह के ढांचे के सर्वे के लिए तीन सदस्यीय कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त करने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया है कि गर्मियों की छुट्टी के समय मथुरा केस में प्रतिवादीगण (मुस्लिम पक्ष) सबूत मिटाने की कोशिश कर सकता है। इसलिए मुस्लिम पक्ष को वर्जित करने की मांग की गई है।