एक लाख रुपए तक जा सकते हैं चांदी के दाम
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि सोना काफी महंगा हो गया है, इसलिए आभूषण की मांग चांदी में बढ़ सकती है, वहीं औद्योगिक मांग भी बनी हुई, इसलिए चांदी का भाव दिवाली तक एक लाख रुपए प्रति किलो तक जा सकता है। चांदी इस समय घरेलू बाजार में 78000 रुपए प्रति किलो से नीचे चल रही है और कोरोना काल में बीते पांच महीने में 44,000 रुपये प्रति किलो से ज्यादा महंगी हो चुकी है। अगर बीते एक सपह की बात करें तो चांदी के दाम में 11 हजार रुपए की तेजी देखने को मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इस सयम महंगी धातुओं की तेजी को सपोर्ट करने वाले सारे कारक अनुकूल हैं इसलिए सोने-चांदी में तेजी बनी रहेगी। केडिया ने सोने का भाव दिवाली तक 60,000 रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना जताई।
60 हजार रुपए तक जा सकता है सोना
कमोडिटी बाजार विश्लेषक एवं एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का अनुमान है कि सोने का भाव दिवाली तक 59,000-60,000 रुपए प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी का भाव 88,000-95,000 रुपए प्रति किलो तक जा सकता है। वहीं, इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता कहते हैं कि चांदी का भाव अंतराष्ट्रीय बाजार में 37 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, जिससे भारतीय सरार्फा बाजार में चांदी 95,000 रुपए प्रति किलो तक उछल सकती है। हालांकि सोने के बारे में मेहता का अनुमान है कि दिवाली तक हाजिर में सोना 59,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
आ सकती है चांदी के दाम में गिरावट
जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेटीसीआई) के प्रेसीडेंट शांतिभाई पटेल का कहना है कि सोने में 60,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक का स्तर देखा जा सकता है, लेकिन चांदी बीते दिनों जिस तरह से उछली है उसमें इसमें जल्द गिरावट आने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि चांदी में सटोरियों के खेल से इन्कार नहीं किया जा सकता है, इसलिए 90,000 रुपए प्रति किलो का स्तर छूने की संभावना कम है। पटेल ने कहा कि चांदी घरेलू बाजार में रिकॉर्ड स्तर पर है और त्योहारी सीजन में इसका भाव 80,000-85,000 रुपये प्रति किलो के दायरे में ही रह सकता है। उन्होंने कहा कि हाजिर मांग तक तक नहीं बढ़ेगी जब तक भाव में एक बार स्थिरता नहीं आएगी क्योंकि जिन्हें गहने खरीदने हैं वे भाव टूटने के इंतजार में हैं।
पिछले पांच महीनों में चांदी में जबरदस्त तेजी
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 18 मार्च को चांदी का भाव 33,580 रुपए प्रति किलो तक टूटा था, जबकि शुक्रवार को रिकॉर्ड 77,949 रुपए प्रति किलो तक उछला। यानी इस दौरान चांदी के दाम 44,369 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी देखने को मिली है। जबकि अगस्त के पहले सात दिनों की बात करें तो कुल बढ़ोतरी में एक चौथाई बढ़ोतरी इसी सप्ताह देखने को मिली है। 31 जुलाई के को चांदी के दाम 64984 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुए थे। वहीं 7 अगस्त को चांदी गिरावट के साथ 76052 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। इस दौरान चांदी की कीमत में 11 हजार रुपए प्रति किलोग्राम का इजाफा देखने को मिला है।
पांच महीने में करीब 18 हजार बढ़ा सोना
वहीं बात सोने के दाम की करें तो वायदा बाजार में 16 मार्च को 38,400 रुपए प्रति 10 ग्राम तक टूटा था जबकि शुक्रवार को सोने का भाव रिकॉर्ड 56,191 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला। यानी इस दौरान चांदी के दाम में 17,791 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी देखने को मिल चुकी है। वहीं अगस्त के पहले एक हफ्ते की बात करें तो 2000 रुपए से ज्यादा की बढ़त देखने को मिल चुकी है। बात आंकड़ों की करें तो 31 जुलाई की करें तो सोने के दाम 53,445 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुए थे। जबकि 7 अगस्त को सोने की कीमत 55,845 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुए। इस दौरान चांदी की कीमत में 2400 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी देखने को मिली है।
सोने और चांदी में तेजी को सपोर्ट करने वाले कारण
1. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स (शेयर, बांड्स) के बजाय हार्ड एसेट्स (सोना, चांदी या रियलस्टेट्स, कच्चा तेल आदि) की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है।
2. कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न देशों में लाए गए राहत पैकेज से सोने और चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि राहत पैकेज से महंगाई बढऩे की आशंका बनी रहती है जिसके कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश के साधन की तरफ जाता है।
3. भूराजनीतिक तनाव के कारण अनिश्चितता क माहौल में निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ बनी हुई है।
4. अमरीकी डॉलर में कमजोरी के चलते सोने और चांदी की तेजी को सपोर्ट मिल रहा है।
5. ईटीएफ की खरीद के प्रति निवेशकों का रुझान होने से सोने और चांदी में तेजी बनी हुई है।
6. सोने के गहनों के मूल्य का 90 फीसदी तक कोरोना काल में कर्ज देने की भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से घरेलू बाजार में सोने के गहनों की मांग बढ़ सकती है।