अमेरिका और चीन के बीच तकरार ( America-China Tension )
अमेरिका और चीन के बीच तकरार में अब नया मोड़ आ गया है। कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर चीन की मंशा पर शक के साथ-साथ व्यापार के मसले पर अमेरिका और चीन पहले से ही टकराव की मुद्रा में हैं और अब हांगकांग के नागरिकों की अधिकारों का हनन करने वाले चीन के नए कानून को लेकर इस टकराव में एक नया अध्याय जुड़ गया है। सप्ताह के दौरान इस दिशा में होने वाले घटनाक्रमों पर बाजार की नजर होगी।
लगातार बढ़ते जा रहे हैं कोरोना वायरस संक्रमण के मामले
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले देश और दुनिया में लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की राह पर है। लिहाजा, वायरस संक्रमण के मामले और कोरोना के कहर से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों से जुड़े घटनाक्रम व रिपोर्ट पर निवेशकों की निगाहें टिकी रहेंगी। इस सप्ताह मई महीने के एफएंडओ अनुबंधों की एक्सपायरी 28 मई को होगी, जिसके बाद कारोबारी अगले महीने के अनुबंधों में अपना पोजीशन बनाएंगे। लिहाजा, घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल सकता है।
जारी होंगे नतीजे
इसके अलावा, सप्ताह के दौरान देश की कई कंपनियां बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित करेंगी, जिससे बाजार चाल पकड़ेगा। वहीं, घरेलू और वैश्विक प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर असर देखने को मिलेगा। बुधवार को सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्टरीज के वित्तीय नतीजे जारी होने की संभावना है। इसके बाद गुरूवार को ल्यूपिन के वित्तीय नतीजे आएंगे, जबकि शुक्रवार को देश के इन्फ्रास्टरक्च र क्षेत्र के आउटपुट के आंकड़े जारी होंगे, जिसपर बाजार की नजर होगी। उधर, जापान में भी इसी दिन औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होंगे, जबकि यूरो एशिया के कंज्यूमर कान्फिडेंस के आंकड़े गुरूवार को जारी होंगे।
कच्चे तेल का भाव और डॉलर की चाल की भी होगी अहम भूमिका
शेयर बाजार की चाल तय करने में इसके अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल की भी अहम भूमिका होगी। इसके अलावाए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की निवेश के प्रति दिलचस्पी पर भी बाजार की नजर होगी।