निवेशकों के दो लाख करोड़ डूबे –
शुक्रवार को बाजार की इस भारी गिरावट में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपए डूब गए। सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 2,00,64,472.99 करोड़ रुपए रह गया। निवेशकों को हर मिनट 1,450 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
बॉन्ड यील्ड का बाजार कनेक्शन-
बॉन्ड यील्ड और इक्विटी रिटर्न प्रतिपानुपाती (इनवर्सिली प्रपोशनल) हैं। जब बॉन्ड यील्ड बढ़ता है तो इक्विटी मार्केट्स में गिरावट आती है। अमरीका में महंगाई को लेकर चिंता से बॉन्ड यील्ड में तेजी है। यह भारत के बाजारों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट –
नैस्डैक इंडेक्स गिरावट के साथ 13,119 और डाउ जोंस 559 अंक नीचे बंद हुआ था। जापान का निक्केई इंडेक्स 737 अंक नीचे रहा। हांगकांग का हेंगसेंग इंडेक्स 771 अंक नीचे रहा। शंघाई इंडेक्स, कोरिया का कोस्पी और ऑस्ट्रेलिया इंडेक्स नीचे है।
निफ्टी में भी दिखा गिरावट का असर-
निवेशकों ने सबसे ज्यादा बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के शेयरों में बिकवाली की। इसीलिए निफ्टी बैंक इंडेक्स 4.78 प्रतिशत नीचे 34,803.60 पर और ऑटो इंडेक्स 3.12 फीसदी नीचे 10,169.90 पर बंद हुआ है। निफ्टी भी 568 अंक यानी 3.76 प्रतिशत नीचे 14,529.15 पर बंद हुआ। यह गुरुवार को 115 अंक ऊपर 15,097.35 पर बंद हुआ था।
दिग्गज शेयरों का हाल-
शीर्ष गिरावट वाले शेयरों में ओएनजीसी, एम एंड एम, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील और हीरो मोटोकॉर्प के शेयर शामिल हैं।
इन सेक्टरों पर असर-
फाइनेंस सर्विसेज, एफएमसीजी, आइटी, पीएसयू बैंक, बैंक, फार्मा, प्राइवेट बैंक, मेटल, ऑटो, मीडिया और रियल्टी सेक्टर पर असर पड़ा।