सेबी ने इस बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी देते हुए कहा कि SEBI (Prohibition of Insider Trading) Regulations, 2015 के नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत अब संवेदनशील जानकारी, गुप्त कीमत और इन सबकी जानकारी किस-किस को है इससे सबंधित डिजीटल डेटा तैयार करने की बात कही गई है। इसके अलावा स्टॉक एक्सचेंज में फाइलिंग के लिए ऑटोमेशन और सेबी द्वारा निर्धारित ट्रांजेक्शन्स के अलावा बाकी किसी भी तरह के एक्सचेंज विंडो पर रोक लगा दी गई है।
इसके साथ ही सेबी ने Preferential Shares को अलॉट करने के नियमों में भी बदलाव किया है। इससे कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना सान हो जाएगा। नए नियम के मुताबिक अब कंपनियां शेयर बाजार ( Share Market ) में लिस्टेड शेयरों की दो सप्ताह की औसत कीमत पर प्रीफरेंशियल इश्यु ( Preferential Shares ) जारी कर पाएंगी । अभी कंपनियों को 26 सप्ताहों की हाई-लो कीमतों की औसत कीमत पर प्रीफरेंशियल इश्यु ( Preferential issue ) करना पड़ता है। जिसकी वजह से कंपनियां लगातार नियमों में ढील देने की मांग करती थी। लेकिन ध्यान देने लायक बात ये है कि यह सुविधा सेबी ने उन्हीं प्रीफरेंशियल इश्यु को देने की घोषणा की है जो 1 जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 के दौरान जारी किए जाएंगे।