जी हां पार्लर ( parlour ) और salon पर हाइजीन चार्ज ( Hygiene fee ) लिया जा रहा है । इस तरह की सर्विस देने वाले सलून मालिकों का कहना है कि गाइडलाइंस को अपनाने के लिए उन्हें 35 से 50 हजार तक की रकम निवेश करनी पड़ रही है और यह रकम एक बार नहीं निवेश करनी पड़ रही है बल्कि सेफ्टी के मद्देनजर इसे लगातार खर्च करना पड़ रहा है ऐसे में उनके लिए जरूरी है कि वह इस सर्विस के बदले कस्टमर ( customer ) से हाइजीन फीस में जो अमूमन 100 से ₹200 तक पड़ रही है ।
वहीं दूसरी और कस्टमर्स ज्यादा चार्ज वसूल करने की शिकायत कर रहे हैं कंजूमर का कहना है कि कोरोनावायरस का असर सभी के ऊपर पड़ा है आम आदमी की भी हालत खराब है ऐसे में हाइजीन चार्ज ( hygiene charge) देना उनके लिए पॉसिबल नहीं है ।
क्या कहता है कानून –हालांकि कस्टमर और बिजनेस चलाने वाले इन दोनों ही पक्षों की बात अपनी अपनी जगह सही है लेकिन इस सब पर कानून क्या कहता है यह जाना हमारे लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि हाइजीन या अतिरिक्त सेफ्टी चार्ज के ( safety Charge ) नाम पर वसूली जाने वाली फीस कितनी जायज है और अगर कस्टमर ऐसा नहीं करना चाहता तो उसके पास किस तरह के अधिकार है ।
कानून के विशेषज्ञों का कहना है कि रेस्टोरेंट सैलून से इस तरह की हाइजीन फीस हटाने की मांग की जा सकती है अगर मैनेजर आपकी बात नहीं मानता तो आप इसकी शिकायत कंजूमर फोरम में भी कर सकते हैं । डिस्टिक कंज्यूमर फोरम (district consumer forum ) मैं आप ऑनलाइन या ऑफलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और अगर बाहर जाना पॉसिबल नहीं है तो आप वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी इस तरह की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं गलती पाए जाने पर सलून नियर रेस्टोरेंट मालिक को मुआवजा भी देना पड़ सकता है लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इस सब को प्रूफ करने के लिए आपके पास दिल या अन्य पेपर होनी चाहिए ।