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Crude Oil Production में ऐतिहासिक कटौती पर Opec++ की सहमति, फिर भी कीमतों में गिरावट

मई और जून महीने में Opec++ देश एक करोड़ बैरल प्रति दिन कटौती के साथ करेंगे प्रोडक्शन
जुलाई से दिसंबर तक 80 लाख बैरल क्रूड ऑयल प्रोडक्शन में देखने को मिलेगी कटौती
जानकारों के अनुसार ओपेक++ ने उम्मीद के मुताबिक तीन गुना से ज्यादा कम की है कटौती

Apr 11, 2020 / 07:09 am

Saurabh Sharma

Opec plus agree to historic cut in Crude Oil Production yet price fall

नई दिल्ली। गुरुवार को ओपेक++ की मीटिंग के बाद ओपेक की ओर से बयान आने शुरू हो गए हैं। जिसमें कहा गया है ओपेक++ ने प्रति दिन के हिसाब से क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन में एक करोड़ बैरल कटौती की सहमति बन गई है। वहीं दूसरी ओर 50 लाख बैरल की कटौती पर अमरीका भी जारी हो गया है। खास बात तो ये है कि मैक्सिको ने ओपेक++ के मेगा प्लान को मानने से पूरी तरह से इनकार कर दिया है। जिसकी वजह से अमरीकी ऑयल और ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है। वैसे अभी तक ओपेक++ की ओर से इतनी बड़ी कटौती कभी नहीं देखी गई है। उसके बाद भी जानकार कह रहे हैं कि मार्केट की ओर डिमांड 3 करोड़ बैरल प्रति प्रतिदिन के हिसाब से कटौती की डिमांड कर रहे थे। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में क्रूड ऑयल की डिमांड में 30 फीसदी से ज्यादा की कटौती देखने को मिल रही है।

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मई और जून में एक करोड़ बैरल की कटौती
ओपेक की ओर से बयान के अनुसार मेक्सिको को छोड़कर प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने मई और जून में उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने पर सहमति बना ली है। ओपेक और अन्य प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने कीमतों में भारी गिरावट रोकने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिए वार्ता की। जिसके बाद ओपेक ने कहा कि उत्पादन में जुलाई से दिसंबर तक 80 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने के समझौते पर सहमति मैक्सिको के रुख पर निर्भर किया जाएगा। आपको बता दें कि एक करोड़ बैरल की कटौती के प्लान को मैक्सिको ने रिजेक्ट कर दिया है। अब आज जी 20 ग्रुप की बैठक में मैक्सिको को मनाने का प्रयास किया जाएगा।

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3 करोड़ बैरल कटौती से हुई थी बैठक की शुरूआत
विदेशी मीडिया से आ रही खबरों के अनुसार ओपेक++ की मीटिंग की शुरुआत में कटौती का प्रस्ताव 3 करोड़ बैरल प्रति दिन का था। बाजार की ओर से भी इतनी ही कटौती की डिमांड की जा रही थी। लेकिन बात नहीं बन सकी 2.5 करोड़ बैरल और 2 करोड़ बैरल प्रति दिन की कटौती का भी प्रस्ताव रखा गया। इन दोनों प्रस्तावों पर भी बात नहीं बन सकी। जिसके बाद अंत में 1 करोड़ बैरल प्रति दिन के हिसाब से प्रस्ताव रखा गया तो सभी ने इस पर हामी भर दी। जानकारों का कहना था कि ग्रुप के कई देशों की ओर से बड़ी कटौती पर हामी भर रहे थे, लेकिल मेजर ऑयल प्रोड्यूसर देश ही ज्यादा कटौती के पक्ष में नहीं थे। जिसकी वजह से सभी को एक करोड़ बैरल की कटौती से ही संतोष करना पड़ा।

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मैक्सिको ने क्यों किया ओपेक के प्लान को रिजेक्ट
वहीं दूसरी ओर मैक्सिको की ओर से इस मेगा प्लान को पूरी तरह से रिजेक्ट कर दिया है। जानकारों की मानें तो बीते कुछ साल पहले जब ईरान और वेनेजुएला जैसे देशों पर प्रतिबंध लगाए थे, तब मैक्सिको और दूसरे कुछ देशों की ओर से ऑयल प्रोडक्शन बढ़ाकर अपने निर्यात के रास्ते खोल दिए। कोरोना वायरस के अस्तित्व में आने से पहले मैक्सिको ऑयल डिस्क्वर के अभियान को तेज कर चुका था। उसने 15 नए ऑयल शेल भी डिस्कवर भी किए है। मैक्सिकन सरकार की मदद से वहां की प्रमुख ऑयल कंपनी ने काफी निवेश भी किया है। जिसकी वजह से अब मैक्सिको के लिए प्रोडक्शन कट करना काफी मुश्किल हो गया है। जिसकी वजह से मैक्सिको की ओर से इस प्रपोजल को पूरी तरह से रिजेक्ट करना पड़ा।

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प्रोडक्शन कट के फैसले के बाद भी गिरे दाम
ऐतिहासिक प्रोडक्शन कट के फैसले के बाद जहां क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी दिखनी चाहिए थी उसके विपरीत दाम में गिर गए। आज सुबह अमरीकी ऑयन डब्ल्यूटीआई में 10 फीसदी से ज्यादा की कटौती देखने को मिली और 20 डॉलर बैरल के आसपास आ गए। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में भी 5 फीसदी के आसपास कटौती देखने को मिली थी। जानकारों की मानें तो मैक्सिकों के प्लान के रिजेक्ट करने से ऐसा देखने को मिला है। मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड ऑयल के भाव 4.14 फीसदी की कटौती के साथ 31.48 डॉलर प्रति बैरल पर है। जबकि डब्ल्यूटीआई ऑयल 9.29 फीसदी की कटौती के साथ 22.76 डॉलर प्रति बैरल पर है।

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एक करोड़ की कटौती से बदलेंगे हालात?
यह सवाल काफी बड़ा है। केडिया कमोडिटी के अजय केडिया के अनुसार एक करोड़ बैरल की रोजाना कटौती से क्रूड ऑयल मार्केट में ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा। इसका कारण है कि मौजूदा समय में ग्लोबल डिमांड 30 फीसदी से ज्यादा की कटौती देख रहा है। ऐसे में ओपेक++ 3 करोड़ बैरल प्रति दिन से ज्यादा की कटौती करनी चाहिए थी। मौजूदा समय में जो फैसला लिया गया है वो एक र्म से लागू होना है। जिसके बाद ब्रेंट क्रूड का भाव 35 से 40 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई ऑयल 30 डॉलर प्रति बैरल आ जाए। उसके बाद भी अमरीका और ओपेक++ देश अपने घाटे को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे।

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