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इसलिए आया सुधार
आरबीआई ने रिपोर्ट ऑन ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया में कहा है कि सरकारी बैंकों के विलस के बाद बैंकिंग सेक्टर में काफी सुधार आ सकता है। लोन क्वॉलिटी में सुधार, कैपिटल बेस में मजबूती, और दोबारा प्रॉफिटेबल होने की स्थिति में बैंकिंग सेक्टर एक बार फिर से बदला हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि घरेलू आर्थिक गतिविधि की तेजी में कमी काफी चुनौतीपूर्ण वातावरण पैदा कर रही है। बैंकों ने ज्यादा सावधानी बरतने से लोन की मांग में भारी गिरावट देखने को मिली है। आपको बता दें कि देश की जीडीपी छह साल के निचले स्तर पर है।
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ग्रॉस और नेट एनपीए रेश्यो में आई कमी
रिपोर्ट की मानें तो लोन की क्वॉलिटी सुधरी है, जिससे पब्लिक सेक्टर बैंकों को बढ़ावा मिला है। जिसकी वजह से ग्रॉस एनपीए और नेट एनपीए रेश्यो में गिरावट देखने को मिली है। स्लिपेज रेश्यो और आउटस्टैंडिंग ग्रॉस एनपीए में कमी से ग्रॉस एनपीए रेश्यो में सुधार आया है। आपको बता दें कि पीएसयू बैंकों का बैड लोन बढऩे की वजह से सरकार की ओर से पिछले कुछ सालों में बैंकों को दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी डाली है ताकि वे अपनी बैलेंसशीट पर लॉस दिखाने के बावजूद लोन बांटे। उसके बाद भी बैंक लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं। बैंकों ने होम लोन और कार लोन बांटना शुरू कर दिया है।