क्या कहते हैं सब्जी कारोबारी
सब्जी कारोबारियों के अनुसार देश में कोल्ड स्टोरेज में जरुरत से ज्यादा आलू का भंडारण किया गया है, उसके बाद इसकी कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। गोभी, टमाटर और परवल समेत कई सब्जियों की रिटेल दाम में दोगुना से भी ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है। जहां जून के महीने में करीब 40 रुपए प्रति किलोग्राम था जो अब बढ़कर 60 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक आ गया है। रिटेल सब्जी विक्रेताओं के अनुसार थोक मंडियों से ही सब्जियां ऊंची कीमतों में मिल रही है। जिसकी वजह से रिटेल दाम भी ज्यादा हैं। वहीं मंडियों से लाने का खर्च अलग है। डीजल के दाम 80 रुपए के पार चले गए हैं। उनका यह भी कहना है कि भारी बारिश के कारण हरी सब्जियां खराब हो जाती हैं, जिसका असर कीमतों में देखने को मिलता है।
थोक कीमतों भी भारी इजाफा
दिल्ली की आजादपुर मंडी में मंगलवार को आलू का थोक भाव 10 रुपए से लेकर 28 रुपए प्रति किलो था, जबकि 27 जून को मंडी में आलू का थोक भाव 8 से 22 रुपए प्रति किलो था। प्याज का थोक भाव भी 27 जून को 3.25 रुपए से 11.25 रुपए प्रति किलो था, वहीं 27 जुलाई की कीमत बढ़कर 6.25 से 12.50 रुपए प्रति किलो हो गया। टमाटर का थोक भाव 27 जून को 2.50 से 28 रुपए प्रति किलो था, जो 27 जुलाई को बढ़कर 8 से 44 रुपए प्रति किलो हो गया। आजादपुर मंडी एपीएमसी के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा के अनुसार मानसून में हरी सब्जियों में महंगाई देखने को मिलती है। इस बार इसमें डीजल की कीमत में तेजी की वजह भी शामिल है। वहीं आलू में मुनाफा कमाने के लिए आवक कम है इसलिए कीमत में इजाफा है।
मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर में सब्जियों के दाम