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क्यों आया शेयर्स में अचानक उछाल
जेट एयरवेज के शेयरों में इस अचानक आई तेजी के पीछे जानकारों का कहना है कि यह निवेशकों द्वारा एक अनुमानित कदम है और यह किसी भी मूल सिद्धांतों से समर्थित नहीं लगता। इसी प्रकार किंगफिशर एयरलाइंस के शेयरों में देखा जा रहा है। उस दौरान रिटेल निवेशक और एचएनआई निवेशकों ने अनुमानित तौर पर ही निवेश करना शुरू कर दिया था। जानकारों का कहना है कि 10 मई से पहले शायद ही जेट एयरेवज के हालात में सुधार हो, जिसका फायदा निवेशकों को मिल सके। बता दें कि 10 मई को ही जेट एयरवेज के बिडिंग की प्रक्रिया शुरू हो गया है। ध्यान देने वाली बात है कि रिटेल निवेशकों ने जेट एयरवेज ने कंपनी में अपना स्टेक 9 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया था।
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पिछले दिन ही कंपनी का शेयर्स 10 साल के न्यूनतम स्तर पर
इसके पहले गत सोमवार को कारोबार के दौरान जेट एयरवेज का शेयर बीते 10 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। 12 अप्रैल को जेट एयरवेज का जो शेयर 262 रुपए के स्तर पर था, अब मंगलवार को यह 168.80 रुपए प्रति शेयर के स्तर पर कारोबार कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, जेट एयरवेज के शेयरों में इस गिरावट के बाद केवल 5 दिनों में ही 1,475 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। मंगलवार को दोपहर 2:50 बजे तक कंपनी का मार्केट कैप ( बाजार पूंजीकरण ) 19.05 अरब डॉलर ही रह गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही बैंकों द्वारा 400 करोड़ रुपए का फंड देने से मना करने के बाद जेट एयरेवज के परिचालन को अस्थानी रूप से बंद कर दिया गया था। जेट एयरवेज ने पिछली बार बुधवार को रात 10:30 बजे अंतिम उड़ान भरा था। कुछ मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, कई कंपनियों जेट एयरवेज में निवेश के बारे में विचार कर रही हैं। कुछ दिन पहले ही मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज भी शामिल है।
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