48 फीसदी की तेजी
इस साल अब तक एनसीडीईएक्स पर सोयाबीन के दाम में 48 फीसदी से ज्यादा की तेजी आ चुकी है। देश के हाजिर बाजार में भी सोयाबीन का भाव रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर है। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर की मंडी में सोयाबीन का भाव 7,100 रुपए प्रतिक्विंटल था। तेल-तिलहन बाजार के जानकार बताते हैं कि देश में सोयाबीन का स्टॉक काफी कम है, जबकि मांग बनी हुई है इसलिए कीमतों में तेजी बनी हुई है।
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क्या-क्या हो सकता है महंगा
सोयाबीन में करीब 18 फीसदी तेल होता है जबकि 38 फीसदी प्रोटीन। प्रोटीन से भरपूर होने के कारण पशुचारा में इसका इस्तेमाल बहुतायत में होता है। सोयाबीन से तेल और मील तैयार किया जाता है। सोयामील का उपायोग पशुचारे में होता है। इसके अलावा, सोयाबीन से दूध, आटा, टोफू समेत कई खाद्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में प्रोटीनयुक्त खाद्य उत्पादों में सोयाबीन की खपत बढऩे के कारण इसकी मांग के मुकाबले सप्लाई का टोटा पड़ गया है।
बीते एक महीने में कितना हुआ इजाफा
अगर बात बीते एक महीने की करें तो 12 मार्च को सोयाबीन के दाम 5560 रुपए प्रति क्विंटल थे। जो 12 अप्रैल को बढ़कर 7000 के पार चला गया है। 19 मार्च को सोयाबीन में फिर से गिरावट देखने को मिली और दाम 5532 रुपए पर आ गए। उसके बाद तो सोयाबीन की रफ्तार बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा तेज हो गई और कम ही दिनों में दाम 7000 रुपए से ज्यादा हो गए।
क्या कहते हैं जानकार
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार देश में एग्री प्रोडक्ट्स की कीमत में इजाफा देखने को मिला है। एग्री इंडेक्स 39 फीसदी तक उछल चुका है। जिसमें सोयाबीन की कीमतों का अहम योगदान है। उन्होंने बताया कि सप्लाई कम होने के कारण कीमत में उछाल देखने को मिल रहा है। वहीं डिमांड में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में इसमें और भी ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है।