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शिकायत का इंतजार नहीं कार्रवार्इ करेंगे अधिकारी
कर अधिकारियों से कहा गया है कि ग्राहकों की शिकायत का इंतजार करने के बजाय वे खुद सामानों और सेवाओं की खरीद करें और बिल में गड़बड़ी होने पर कार्रवाई करें। पिछले कुछ महीनों के दौरान कई श्रेणियों के उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी की दरों में कटौती की गई है। इसके बावजूद कई कंपनियां और कारोबारी इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के बजाय मुनाफाखोरी कर रहे हैं। कई मामलों में यह भी सामने आया है कि ग्राहक से पुरानी दर पर जीएसटी वसूल कर सरकार को घटी दर पर कर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण ( एनएए ) ने केंद्र और राज्य के कर अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे जीएसटी कानून के प्रावधानों का उपयोग करते हुए इस लिहाज से कदम उठाएं।
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दी जा रही है ट्रेनिंग
विभिन्न शहरों में कार्यशालाएं आयोजित कर अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन्हें कहा गया है कि ऐसे मामलों में खरीदे गए सामान को लौटा कर रद्द किए गए बिल के आधार पर भी कार्रवाई कर सकते हैं। एक अधिकारी बताते हैं कि इसकी व्यवस्था तो कानून में पहले से ही है, लेकिन पिछले कुछ समय के दौरान कर की दरों में कटौती हुई है, इसके बाद यह आसंका बढ़ी है कि कंपनियां और दुकानदार इसका फायदा लोगों को देने की बजाय खुद अपनी जेब में डाल रहे हैं। इससे ग्राहकों के नुकसान के साथ ही राजस्व में भी कमी आने की भी आशंका है।
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