यह भी पढ़ेंः- अमरीकी ब्याज दरें, ट्रेड वॉर और ईरान-सऊदी में तनाव भारतीय शेयर बाजार में दिखा दबाव, सेंसेक्स में 200 अंकों की गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के सितंबर अनुबंध में बुधवार को रात नौ बजे पिछले सत्र के मुकाबले 86 रुपये यानी 2.03 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,159 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के नवंबर वायदे में 1.05 फीसदी की गिरावट के साथ 63.87 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। अमरीकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के नवंबर वायदे में 1.46 फीसदी की कमजोरी के साथ 58.24 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
यह भी पढ़ेंः- जुलाई में करीब 117 करोड़ रुपए पहुंची मोबाइल यूजर्स की संख्या, जियो ने किया 85 लाख का इजाफा
ईआईए की रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल के भंडार में बीते सप्ताह 10.58 लाख बैरल का इजाफा हुआ जबकि गैसोलीन का भंडार 7.8 लाख बैरल बढ़ा। अमरीका में कच्चे तेल का भंडार बढऩे से फिलहाल तेल के दाम पर दबाव बढ़ गया है, लेकिन कमोडिटी बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतों में बहरहाल ज्यादा नरमी की संभावना कम है क्योंकि खाड़ी क्षेत्र में बढ़ते तनाव से तेल के भाव को सपोर्ट मिलेगा। मालूम हो कि बीते सप्ताह सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर हौती विद्रोहियों के हमले के बाद सोमवार को कच्चे तेल के दाम में 28 साल बाद सबसे बड़ी एक दिनी तेजी आई थी।