अमरीकी ऑयल भंडार में कमी
एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में 9अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में कच्चे तेल के भंडार में 59 लाख बैरल की कमी आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑयल डिमांड में इजाफा देखने को मिल सकता है। जिसकी वजह से कीमत में और ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है। विदेशी मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मई के महीने से ओपेक प्लस और यूएस प्रोडक्शन में इजाफा कर सकता है। वहीं दूसरी ओर ईरान की ओर से सप्लाई बढ़ सकती है। ईरान पर से हाल ही में अमरीका की ओर से सभी तरह के प्रतिबंध हटा दिए हैं।
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कोरोना का भी है डर
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोविड 19 महामारी से वैश्विक सुधार असमान दिख रहा है। अमरीकी और चीन फ्यूल कंजपशन की दर ज्यादा देखने को मिल रही है। दूसरी ओर भारत में रिकॉर्ड वायरस के मामलों और टीकों की कमी के बीच आंशिक लॉकडाउन देखने को मिल रहा है। दक्षिण कोरिया और जापान में भी संक्रमण ज्यादा दिखाई दे रहा है। ऐसे में ऑयल प्रोडक्शन और डिमांड दोनों में थोड़ा असर देखने को मिल सकता है।
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आज कितनी है कीमत
मौजूदा समय में अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जून डिलीवरी अनुबंध 66.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि बुधवार को 5 फीसदी की तेजी के साथ 66.27 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। जबकि न्यूयॉर्क मर्केटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई के मई डिलीवरी अनुबंध 63.10 डॉलर प्रति बैरल पर था। जबकि कल 4.37 फीसदी की तेजी के साथ 62.81 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
भारत पर क्या होगा असर
अगर भारत पर असर की बात करें तो क्रूड ऑयल की कीमत में इजाफा होने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने की उम्मीद बढ़ गई है। भारत पेट्रोल और डीजल के लिए जरुरत का 80 फीसदी ऑयल इंपोर्ट करता है। भारत के कुल इंपोर्ट बिल का अधिकतम भाग क्रूड ऑयल का ही होता है। जब भी क्रूड ऑयल की कीमत में इजाफा होता है तो उसका असर भारत के पेट्रोल और डीजल की कीमत में पर देखने को मिलता है।