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अनुमान से कम हुआ चने का उत्पादन
कारोबारियों ने बीते रबी सीजन में चने के उत्पादन के सरकारी अनुमान पर संदेह जाहिर किया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से मई महीने में जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान में देश में 109 लाख टन चना उत्पादन का आकलन किया गया था। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि व्यापारिक अनुमान के अनुसार, देश में बीते फसल वर्ष में चना का उत्पादन 85 लाख टन से ज्यादा नहीं है।
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चने के दाम में तेजी की सबसे बड़ी वजह
1. उत्पादन अनुमान में कमी से कीमतों में तेजी एक बड़ी वजह है।
2. कोरोना काल में शुरू की गई मुफ्त अनाज वितरण योजना में चना को शामिल किए जाने से चने की खपत बढ़ गई है।
3. चने में तेजी की तीसरी बड़ी वजह, मटर महंगा होने से बेसन में चने की मांग बढ़ गई और त्योहारी सीजन में दाल व बेसन की मांग को पूरा करने के लिए चने में मिलों की खरीदारी तेज चल रही है।
4. चने का भाव अभी भी तमाम दलहनों में सबसे कम है, इसलिए चना दाल अन्य दालों के मुकाबले सस्ती है और बरसात के सीजन में सब्जियां महंगी होने से चने में उपभोग मांग बनी हुई है।
5. मटर के आयात पर रोक की वजह से भी चने कीमतों में तेजी है। भारत 20 से 25 लाख टन मटर का आयात करता था, लेकिन इस साल आयात नहीं होने से मटर की मांग भी चने में शिफ्ट हो गई है क्योंकि देसी मटर का भाव इस समय 6,400 रुपए प्रति क्विंटल से भी उंचा है।
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40 दिनों में 1000 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हुआ चना
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज यानी एनसीडीईएक्स 5 सितंबर को चने का उच्चतम भाव 4183 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि शुक्रवार यानी 11 सितंबर को बढ़कर चने का उच्चतम भाव 5,197 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था। इस दौरान चने का भाव 1000 रुपए प्रति क्विंटल तेज हो गया है। त्योहारी सीजन के चलते चने की लिवाली बनी हुई इसलिए जल्द ही दाम 5,500 रुपये क्विंटल को पार कर सकता है।
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दीपावली तक 6000 रुपए तक पहुंच सकते हैं दाम
जानकारों की मानें तो अगली फसल की बुवाई अक्टूबर में होगी। जिसकी कटाई अप्रैल 2021 में होगी। यानी चने का स्टॉक कम होने से अगली फसल आने तक अभी लंबा वक्त है। जिससे कीमतों में तेजी बनी रहेगी, इसलिए दीपावली तक 6,000 रुपए प्रति क्विंटल तक भी भाव जा सकता है।
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नए स्टॉक में चना काफी कम
जानकारी के अनुसार नेफेड के पास चने का जो पुराना स्टॉक है काफी खराब क्वालिटी का है और खराब हो चुका है, जबकि इस सीजन में नेफेड ने करीब 22 लाख टन चना खरीदा है। नेफेड के स्टॉक से चने का उपयोग मुफ्त अनाज वितरण योजना में हो रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पीडीएस के प्रत्येक लाभार्थी परिवार को हर महीने एक किलो साबूत चना दिया जाता है। इस योजना के तहत जुलाई से लेकर नवंबर के दौरान करीब 9.70 लाख टन चने की खपत का अनुमान है।