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इस तरह से होते हैं आवदेन
एलपीजी डीलरशिप हासिल करने के नियम बेहद कड़े हैं। इसलिए कोई गलती नो इसके लिए आपको पूरी जानकारी होने के साथ तैयारी भी होनी चाहिए। देश की तीनों सरकारी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस समय-समय पर नए डीलर बनाने के लिए आवेदन देती हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन योजना ( आरजीजीएलवी ) के जरिए भी आवेदन देती है।
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मेरिट के आधार पर होता है फील्ड वैरिफिकेशन
जब आप आवेदन कर देते हैं तो एक निश्चित डेट पर आवेदनकर्ताओं का इंटरव्यू भी लिया जाता है। जिसमें उन्हें माक्र्स दिए जाते हैं। इन्हीं माक्सर््के विभिन्न पैरामीटर्स के आधार पर कैंडिडेट का विश्लेषण होता है। जिसका रिजल्ट नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया जाता है। मैरिट में नंबर आने के बाद गैस कंपनी का एक पैनल कैंडिडेट द्वारा दी गई डिटेल के आधार पर फील्ड वैरिफिकेशन करता है। वैरिफिकेशन में जमीन से लेकर सभी अन्य बातों की जांच की जाती है। जिसके बाद गैस एजेंसी अलॉट की जाती है।
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इन शर्तों का पूरा होना है जरूरी
– गैस एजेंसी लेने के लिए पर्मानेंट एड्रेस और गैस एजेंसी ऑफिस और गोदाम के लिए जमीन होना जरूरी है।
– जमीन किस मुहल्ले, वार्ड या स्थान पर होनी चाहिए, इसकी जानकारी विज्ञापन में दी जाती है।
– कैंडिडेट 10वी पास अवश्य होना चाहिए।
– उम्र 21 साल होनी चाहिए।
– आपके पास बैंक बैलेंस और डिपॉजिट राशि भी होनी चाहिए।
– सिलेंडर डिलिवरी के लिए पर्याप्त स्टाफ होना चाहिए।
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