scriptपंडित मिश्रा ने कहा अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं जंगल का शेर बनाओं | Pandit Mishra said make your children lions of the jungle, not of the | Patrika News
मंदसौर

पंडित मिश्रा ने कहा अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं जंगल का शेर बनाओं

पंडित मिश्रा ने कहा अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं जंगल का शेर बनाओं

मंदसौरSep 28, 2022 / 10:40 am

Nilesh Trivedi

पंडित मिश्रा ने कहा अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं जंगल का शेर बनाओं

पंडित मिश्रा ने कहा अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं जंगल का शेर बनाओं


मंदसौर.
अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं बल्कि जंगल का शेर बनाओं। भजन जीवन का कल्याण करता है, यदि भक्ति में मन लगा लिया तो जीवन का कल्याण हो जाएगा। कथा का मकसद भीड़ बढ़ाना नहीं है। बल्कि मानव जीवन में भक्ति को जाग्रत करना है। भक्ति सनातन धर्म की ओर हमें अग्रसर करेगी। शिव महापुराण की कथा ने भक्ति की अलख जगाई है, आज सुबह उठते ही बच्चे नियम से जल का कलश लेकर शिव मंदिर जाने लगे हैं। शिव महापुराण की कथा साधारण नहीं है। जल और बिल्वपत्र को अपने जीवन में धारण करके महसूस करें। यह बात सेवाभारती के तत्वावधान में आयोजित शिवमहापुराण कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कही। कथा के दूसरे दिन कॉलेज ग्राउंड में कथा सुनने के लिए एक लाख से अधिक भक्त जुटे। कथा के दौरान दशपुर की धरा शिवमय हो गई।
उन्होंने कहा कि भीड़ जुटाना मकसद नहीं बल्कि जो भी लोग कथा में पहुंच रहे है उनमें भक्ति का भाव जागृत होना चाहिए। उन्होनें एक लोटा जल का महत्व बताया। शिव की भक्ति का महत्व समझाया। पंडित मिश्रा ने गृहस्थ आश्रम को ही सबसे महत्वपूर्ण बताया। और इसे बड़ी तपस्या बताया। उन्होंने सनानत धर्म के लोगों से आह्वान किया कि शिवत्व में डूबे और इसे समझे। अपने बच्चों को भय के बजाए संस्कार दें। यह देश-समाज और सनातन का भविष्य है। सनातन संस्कृति के लिए भविष्य को संस्कार और धैर्यवान के साथ धार्मिक होना जरुरी है।
शिव महापुराण सिखाती है मौका मिले तो हाथ बढ़ाओ
पंडित मिश्रा ने कहा कि भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने के बाद मंगलवार को कथा में पशुपतिनाथ की प्रतिमा के साथ उनके अष्टमुख से जीवन की हर एक दशा का वर्णन किया और प्रतिमा का महत्व बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जात-पात और वर्ण का भेद भगवान ने नहीं किया है यह हमने किया है। उन्होंने कहा कि मंदसौर की धरती वह पूण्य धरा है। जहां पशुपतिनाथ ने सबसे पहले एक धोबी को दर्शन दिए। उन्होंने कहा कि कर्म अच्छा करों। साथ ही बताया कि स्कंद पुराण से भगवान सत्यनारायण की कथा निकली। प्रार्थनाएं निश्छल होती है। इसमें शक्ति होती है। शिव महापुराण कहती है कभी मौका मिले तो हाथ आगे बढ़ाओ, पांव नहीं। यानी किसी की मदद करों उसका पैर मत खींचो।
उन्होंने कहा कि स्कंद पुराण और शिव महापुराण कहती है हर-हर महादेव का नाद जीवन में मौजूद काम, क्रोध, लोभ और मोह को समाप्त करेगा। लेकिन परमात्मा से चित्त लगाना सबसे कठिन है। उन्होंने कहा जीवन में तनाव लेकर ना जीए। जब तक सत्ता रहती है, सीट रहती है, तब तक व्यक्ति अहंकार में डूबा रहता है। लेकिन जब यही अहंकार टूटता है, तो रोना आता है। कोरोना की महामारी ने भी सिखाया है, मानव जीवन में अहंकार नहीं करें। कोरोना की महामारी में संसार से पहचान धरी रह गई, लेकिन जिसकी पहचान महादेव से थी। वह सुरक्षित बच गया।

Hindi News / Mandsaur / पंडित मिश्रा ने कहा अपने बच्चों को पिंजरे का नहीं जंगल का शेर बनाओं

ट्रेंडिंग वीडियो