मंदसौर

महाकाल लोक की तर्ज पर मंदसौर में भी हो पशुपतिनाथ लोक की कवायद

महाकाल लोक की तर्ज पर मंदसौर में भी हो पशुपतिनाथ लोक की कवायद

मंदसौरOct 19, 2022 / 11:10 am

Nilesh Trivedi

महाकाल लोक की तर्ज पर मंदसौर में भी हो पशुपतिनाथ लोक की कवायद

मंदसौर.
उज्जैन में महाकाल लोक के बाद अब मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में भी पशुपतिनाथ कॉरिडोर से लेकर मंदिर विकास की मांग उठ रही है। उज्जैन की तर्ज पर पशुपतिनाथ मंदिर का विकास और यहां समीप बह रही शिवना नदी को भी मंदिर से जोडक़र शरहवासी अब विकास की मांग उज्जैन की तर्ज पर यहां करने की मांग कर है। सोशल मीडिया से लेकर अलग-अलग स्तर पर इसकी मांग को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है। विश्वप्रसिद्ध प्रतिमा होने के साथ शिवना के किनारे स्थापित मंदिर के साथ ही प्राचीन व धार्मिक नगरी के साथ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के चलते यहां महाकाल की तर्ज पर विकास की मांग की जा रही है। मंदिर के विकास को लेकर पूर्व में पशुपतिनाथ मंदिर को भी देश के ज्योतिलंग की तर्ज पर ऊं सर्किट में शामिल करने से लेकर यात्री गाड़ी का नाम पशुपतिनाथ एक्सप्रेस करने सहित अन्य प्रस्तावों पर कदम आगे नहीं बढ़े लेकिन अब पशुपतिनाथ मंदिर भी अलौकिक धाम के रुप में विकसित करने की मांग हर ओर से उठ रही है। चुनावी वर्ष से ठीक पहले उठी इस मांग के बाद इस पर प्रयासों का दौर भी शुरु हो गया है।

महाकाल की डिजाईन जिसने बनाई वहीं मंदसौर के लिए बनाएगा डिजाइन
उज्जैन में महाकाल लोक को लेकर जिस कंपनी ने डिजाईन के साथ मसोदा तैयार किया था। उसी से संपर्क कर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर और समीप में शिवना को कॉरिडोर और विकास से जोडक़र ड्रांईग डिजाईन तैयार कराने के लिए कदम आगे भी बढ़े। अब कंपनी को यहां बुलाकर डिजाईन बनवाई जाएगी। इस तरह मंदिर विकास को लेकर खाका तैयार किया जाने के बाद शासन स्तर पर इसे भेजा जाएगा। इसके पूर्व वर्ष २००९ में तत्तकालीन कलेक्टर ने दो साल में ९ करोड़ रुपए की राशि एकत्रित करते हुए मंदिर विकास का प्लान तैयार किया था। उसके बाद इस पर काम हुआ था।
शिव की प्राचीन नगरी से कालिदास का भी रहा नाता यहां अपार संभावना

साहित्यकार ब्रजेश जोशी ने सोशल मीडिया पर उज्जैन की तर्ज पर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर भी कॉरिडोर के साथ विकास की संभावनाएं बताते हुए लिखा कि उज्जैन की तरह मंदसौर से भी महाकवि कालिदास का गहरा नाता है तो दोनों शिव व शक्ति की प्राचीन नगरी है। उज्जैन और मंदसौर की प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि बहुत मिलती है। मंदसौर में अष्टमूर्ति पशुपतिनाथ के रूप में शिव विराजे है तो विश्व की एकमात्र अलौकिक प्रतिमा है। वहीं शक्ति रूपी नालछा माताजी व खिडक़ी माताजी विराजी हैं। यहां पशुपतिनाथ लोक के लिए सर्वाधिक अनुकूलता यह भी है कि पशुपतिनाथ के ही निकट शिवना नदी भी है। यह संयोग भी दुर्लभ ही मिलता है कि किसी भी प्रसिद्ध मंदिर के नजदीक पवित्र नदी भी हो। महाकाल लोक के बाद अब मंदसौरवासी भी पशुपतिनाथ लोक की मांग कर रहे है।

बैठक में उठा मुद्दा तो प्रस्ताव शासन को भेजने की कलेक्टर ने कही बात
महाकाल लोक की ही तर्ज पर पशुपतिनाथ लोक की और पशुपतिनाथ लोक का निर्माण हो इस बात का मुद्दा पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति द्वारा बुलाई गई समाज प्रमुखों की बैठक में यह मुद्दा उठा तो पदेन अध्यक्ष कलेक्टर गौतमसिंह ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि पशुपतिनाथ कॉरिडोर बनने की भी अपार संभावना है जल्द ही सरकार को इसका प्रस्ताव तैयार कर भेजने की बात कही।

कलेक्टर से चर्चा कर ड्रांईग डिजाईन के लिए कहा
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर जनआस्था का केंद्र है। उज्जैन में महाकाल मंदिर के लिए जिसने डं्राईग डिजाइन तैयार की उसी से संपर्क कर पशुपतिनाथ मंदिर के विकास व कॉरिडोर के लिए डिजाईन बनाने के लिए कलेक्टर से चर्चा की है। संपर्क कर डिजाइन तैयार कराई जाएगी। राशि के लिए सरकार से भी चर्चा करेंगे और प्रबंध समिति भी करेगी। शुरुआती खाका तैयार करने के निर्देश दिए है।-यशपालसिंह सिसौदिया, विधायक

राष्ट्रीय स्तर पर लाने के प्रयास जारी
विश्वप्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर लाने और यहां के विकास को लेकर लगातार प्रयास जारी है। २९ करोड़ में केंद्र सरकार ने शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह इसी चरण का हिस्सा है। आने वाले दिनों में मंदिर क्षेत्र के विकास को ओर भी गति दी जाएगी। -सुधीर गुप्ता, सांसद

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