कन्हैयालाल पाटीदार, राधेश्याम पाटीदार और छगनलाल पाटीदार बोले, किसानों की आय दोगुना होने की बात पूरी नहीं हुई है। यह तब होगी जब पेट्रोल डीजल के दाम कम होंगे। अभी भाव बढ़े तो पेट्रोल डीजल के दाम भी बढ़ गए। मजदूर भी मंहगे हो गए है। किसान जहां था वही पर है। पिछली बार भी बिल भरने की बात मुद्दा थी। अब भी वही रवैया है। अमीर व्यक्ति बिल नहीं भरे तो कोई बात नहीं है। किसान के बिल भरने में देरी हो जाए तो कंपनी वाले आकर बाइक और सामान ले जाते है। खाद के समय किल्लत हो जाती है। बिचौलिए भाव बढ़ाकर बेचते है। इन पर कार्रवाई नहीं होती। यहां से चार किलोमीटर की दूरी पर चिल्लौद पिपलिया है। यहां पर किसान आंदोलन में पुलिस की गोली से कन्हैयालाल पाटीदार की मौत हुईथी। उनकी प्रतिमा यहां है। इससे कुछ दूरी पर गांव के ही विक्रम सिंह, अमरलाल, कन्हैयालाल आदि बैठे थे। उनके पास जाकर पूछा तो बोले गांव से 10 किलो मीटर दूर चंबल है। इसके बावजूद गर्मी में पानी के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।
टकरावद तक मैं मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ही इसबखेड़ी और फिर धमनार से गुलियाना होते हुए पहुंचा था। यहां मंदिर परिसर में बैठे बुजुर्गों को देखा तो उनके पास गया। 70 वर्षीय रामनारायण बोले वृद्ध पेंशन नहीं मिल रही है। रामचंद्र और गंगाराम बोले गांव में काम तो हुआ है। लेकिन गुलियाना से कम्माखेड़ी की एक किलोमीटर की सड़क नहीं बनी है। बहुत परेशानी है।
इससे पहले मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मन लेने के लिए मुख्यालय के पेट्रोल पंप पर दो युवा व्यापारियों अभिषेक और राकेश से मुद्दा पूछा तो उन्होंने कहा कि शहर में पार्किंग की समस्या नासूर बन गई है। उनसे बात करने के बाद सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज होकर महू-नीमच बायपास से दलौदा की और निकला। तो सोनगिरी में सम्मेलन चल रहा था। यहां बस का इंतजार कर रहे ब्रजसिंह मिले। महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने नाराज होकर कहा, दम निकालकर रख दिया है। जितने कमाते हैं, उससे अधिक खर्च हो रहे हैं। आक्या गांव में एक बंद दुकान के बाहर पांच प्रॉपर्टी ब्रोकर बैठे थे। परिचय देकर प्रॉपर्टी के दाम पर चर्चा करनी चाही तो सभी बोले कि प्रॉपर्टी छोड़ो, सरकार से कहो कि पेट्रोल-डीजल के भाव कम करे। महंगाई इससे ही रुकेगी।
इसके बाद मैं बाइक से नगरी पहुंचा। इस नगर में नगराज भैरूजी का मंदिर है जो बहुत प्रसिद्ध है। यहां एक ऑटो मैकेनिक की दुकान पर तीन-चार युवाओं से बात छेड़ी तो परिचय जानने के बाद वे बात के लिए तैयार हुए। जितेश और विशाल ने कहा कि चार दिन में एक बार नल आता है और वह पानी भी मटमैला आता है। टैंकर से पानी डलवाना पड़ता है। सफाई नहीं हो रही है। व्यापारी अनिल जैन ने कहा कि मंदसौर जाने के लिए हमारे यहां साढ़े दस बजे के बाद साधन ही नहीं है।
यह भी पढ़ेंः
mp election 2023: लाड़ली बहनें प्रसन्न, किसानों को खुश होने का इंतजार
mp election 2023 विकास कितना भी करा लो, पर रोजगार बिन सब बेकार है
mp election 2023: ‘लाड़ली तो घणी हाउ है, पर परेशानी भी घणी है’
mp election 2023: बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गहरी टीस, बेरोजगारी पर भी कड़वे बोल