ऐसे चला अंडरब्रिज निर्माण का पूरा दौर
वर्ष 2019 में अंडरब्रिज की ड्राइंग डिजाइन बनना शुरू हुई तो अंडरब्रिज की ऊंचाई 18 फीट होने पर विवाद हुआ फिर 11 फीट तय हुआ। फरवरी 2020 में अंडरब्रिज निर्माण शुरू हुआ। जो एक वर्ष में पूरा होना था। काम शुरू होने के एक माह बाद ही कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन लगने से दो माह काम बंद रहा। जैसे-तैसे काम शुरू हुआ तो बारिश में खुदाई में दिक्कत हुई। इसके बाद दिसंबर 2020 तक अंडरब्रिज के लिए खोदे गए गड्ढों में पानी ही भरा रहा। राज्य शासन ने अपने हिस्से के 3.50 करोड़ रुपए नहीं भेजे तो रेलवे ने काम बंद करा दिया। वहीं मार्च-21 में नपा ने 1.90 करोड़ जमा कराए।
इसके बाद काम शुरू हुआ और रेलवे के ठेकेदार ने कुछ भी भुगतान नहीं होने की बात कहकर काम बंद कर दिया। इसके बाद जून में मंदसौर आए रतलाम डीआरएम ने कह दिया कि अंडरब्रिज के लिए ब्लॉक अब बरसात के बाद ही मिलेगा। 23 सितंबर -२०२१ को रेलवे के ठेकेदार ने फिर से काम शुरू किया। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में सात दिन का ब्लाक लेकर पटरियों के नीचे गर्डर लगाई गई। तो नवंबर के पहले सप्ताह में तीनों गर्डर लगने के बाद पटरियों के नीचे खुदाई कर बॉक्स पुशिंग शुरू किया गया। 18 नवंबर तक सभी बॉक्स पटरियों के नीचे लग गए। अंडरब्रिज बनकर तैयार होने की समय सीमा फरवरी 2021 थी और अब मार्च 22 तक इसे चालू करने का लक्ष्य था। पर ऐसा नहीं हुआ। वर्ष २०२२ में अंडरब्रिज बनकर तैयार हुआ और लोकार्पण के बाद इस पर ट्रैफिक शुरु हुआ। ७ करोड़ के इस अंडरब्रिज में रेलवे व नपा को ५०-५० राशि वहन करना थी। नपा ने संचित निधि से राशि जमा की तो १ करोड़ सीएम घोषणा में नपा को मिली थी वह दी थी। अब कई महीनों के बाद रेलवे फिर से राशि की मांग कर रहा है।
शासन को लिखी है चि_ी
रेलवे ने ९५ लाख रुपए की डिमांड नपा से की थी। नपा अपने हिस्से की राशि पहले ही जमा करा चुकी है। अब लागत बढऩे की बात कहते हुए राशि मांगी है। हमने शासन को चि_ी लिखी है। अंडरब्रिज निर्माण के पहले ही नपा अपनी राशि रेलवे को पूरी दे चुकी है। -पीके सुमन, सीएमओ