ग्रामीणों का कहना है कि, शैला महोत्सव एक प्रकार से गांव की खुशहाली के लिए आयोजन है। खरीफ की फसल आने एवं रबी फसल की बोवनी से फुर्सत होनेे के बाद वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा खुशियां मनाई जाती रही है।
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इन ग्रामीणों का रहा आयोजन में सहयोग
उक्त परंपरा को जीवित रखते हुए ग्राम सुड़गांव में आदिवासी समाज के द्वारा शैला उत्सव मनाया गया, जिसमें ग्राम के मांदर वादक भोपत परते एवं दमरी लाल, टिमकी वादक अभय सिंह, धनलाल श्याम, ग्राम वासियों में कोदू लाल, द्रुपाल परते, शिव प्रसाद, परमा परते, लखन सैयाम, सुखदीन मलगाम, फूल सिंह, प्राचार्य जीडी धुर्वे चाबी, सुख लाल, हन्नू सिंह, हनुमान आर्मो, मल सिंह, चैतु सिंह परते, ग्राम पंचायत सुडग़ांव सरपंच अर्जुन सिंह मरावी, सचिव कमलेश यादव, रोजगार सहायक महेश कुमार परते, सुरजसिंह, जयपाल मार्को, उज्जैन सिंह, मंगल सिंह, चौधरी सैयाम सभी लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। रीना कर्मा नृत्य में रमता बाई मार्को, रमहिया बाई, कमली धुर्वे, बाता बाई मलगाम, डम्मेबाई सैयाम, मुलिया बाई उईके, मुल्की बाई सैयाम, श्याम बाई सैयाम आदि का सहयोग रहा।