रोज डायरिया से पीडि़त 30 मरीज पहुंच रहे
विभागीय जानकारी के मुताबिक, जिला अस्पताल में रोज लगभग 500 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें डायरिया से पीडि़त मरीजों की संख्या 25 से 30 बताई जा रही है। अस्पताल में डॉक्टर मरीजों को दवा के साथ-साथ मच्छरों से बचने की सलाह दे रहे हैं। वहीं दूषित खाने से बचने व दूषित पानी का उपयोग न करने करने की बात कही जा रही है। जानकारों के अनुसार इस मौसम में मच्छरों की प्रजनन क्षमता दोगनी हो जाती है। मच्छर के काटने से डेंगू जैसी घातक बीमारी होती है। लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से अस्पताल प्रबंधन द्वारा गाइड लाइन भी जारी की गई है।
मलेरिया: मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है। यह पानी के जमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। इसलिए आसपास पानी का जमाव नहीं होने देना चाहिए।
डेंगू: डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से होता है लेकिन ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढंककर रखें।
डायरिया: बरसात के मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है। इसमें पेट में मरोड़ के साथ दस्त होती है। यह प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। इसलिए खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखें, बाहर के खाद्य पदार्थ खाने से बचें, पानी उबालकर व छानकर पीएं।
चिकनगुनिया: चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है। इसमें जोड़ों में तेज दर्द होता है। इससे बचने के लिए घर के आसपासए छत, टायर आदि में पानी जमा न होने दें।
पीलिया: शहर की ज्यादातर पाइप लाइन नालियों से होकर गुजरी है। पाइप लाइन पुरानी होने की वजह से उसमें छेद हो जाते हैं जिससे होकर नाली-नाले का प्रदूषित पानी घरों में पहुंचता है। इस पानी के सेवन से पीलिया जैसी घातक बीमारी होती। पीलिया से बचने के लिए पानी को उबालकर पीएं।
आंख आना: बरसात के शुरुआत में तेज हवाए आंधी चलने से आंखों में कई प्रकार के रोग होते हैं। इनमें प्रमुख है आंख का आना। इसमें आंख लाल हो जाती है, सूज जाती है और दर्द रहता है। इससे बचने के लिए साफ हाथों से आंखों को साफ करना चाहिए। आंखों को दिन में तीन से चार बार साफ पानी से धोएं और डॉक्टर को दिखाएं।