मंडला

शेड की व्यवस्था नहीं, पिघल रहा गुड़

कृषि उपज मंडी में अव्यवस्था हावी, किसानाें को उठाना पड़ रहा नुकसान

मंडलाFeb 27, 2023 / 05:51 pm

Mangal Singh Thakur

शेड की व्यवस्था नहीं, पिघल रहा गुड़

मंडला. स्थानीय कृषि उपज मंडी में सीजन के दौरान लगने वाली गुड़ मंडी के रूप में मंडला जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। मंडला का गुड अपनी विशेषता के कारण प्रदेश के लगभग सभी जिलो में नाम से बिकता है। इसी गुड़ मंडी में जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों सहित आसपास के विभिन्न गांवों से गुड़ लेकर आए किसानों को बिक्री के लिए गुड़ रखने के लिए मंडी शेड में जगह पाने में भारी मशक्त करनी पड़ती है। शेड के अंदर स्थान ना मिलने के अभाव में किसानों को शेड के बाहर ही गुड़ रख कर बेचना पड़ता है। वहीं शेड के अंदर स्थान पाने के चक्कर में विभिन्न गांव से गुड़ लाने वाले किसान गुड़ बाजार के एक दिन पूर्व से ही गुड़ लाने की शुरुआत कर देते हैं। बाजार के दिन तक मंडी में ही रुक कर गुड़ की रखवाली करते हैं। इनको शेड में स्थान ना मिलने पर बाहर खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ती हैं।

नहीं मिल रहा दाम

कृषि मंडी में गुड 1000 रुपए से लेकर 1400 रुपए तक की परिया नग के हिसाब से बिक रही है। एक परिया का वजन 40 से 45 किलो तक का रहता है। किसानों ने बताया कि परिया ग्राहकों की मांग को लेकर छोटी-बड़ी परिया भी बनाई जाती है। लेकिन दूसरे शहर से आए ग्राहक बड़ी परिया की मांग करते है। सुविधा के हिसाब से किसान छोटी परिया बनाते है, जिससे उन्हें लाने ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। सप्ताह के एक दिन रविवार को अनेक ग्राम पंचायत के किसान कृषि मंडी गुड विक्रय के लिए पहुंच रहे है। यहां ग्राम पंचायत नकावल, रामनगर, अंजनियां, भपसा, माधोपुर, हिरदेनगर, लफरा सहित विभिन्न ग्राम के किसान पहुंच रहे हैं। इन ग्राम पंचायतो में गुड़ बनाया जाता है जो दूसरे जिले तक पहुंचता है।

पानी की नहीं है उचित व्यवस्था

रविवार को कृषि उपज मंडी में पहुंचे किसानों ने बताया कि गुड़ मंडी परिसर में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है यहां-वहां उनको पानी के लिए भटकना पड़ता है। भूख प्यासे आए किसान काफी परेशान दिखाई देते हैं। उनको छाओं के लिए भी कोई व्यवस्था नही है मजबूर धूप में ही रह कर उनका गुड़ विक्रय करना होता है।

बाहर रखने से बना रहता है चोरी का डर

गुड़ का विक्रय करने विभन्न ग्राम पंचायतो से आए किसानाें ने बताया कि गुड़ रखने के लिए मंडी परिसर में उचित व्यवस्था नहीं है जिसके कारण उन्हें रात यहीं गुजारनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि बाहर गुड़ रखने से चोरी का डर बना रहता है सैकड़ो की संख्या में यहां किसान पहुंचते है। किसानों की समस्या को लेकर मंडी प्रबंधक ध्यान नहीं दे रहे है। जबकि गुड़ विक्रय के लिए एक ही स्थान है।

Hindi News / Mandla / शेड की व्यवस्था नहीं, पिघल रहा गुड़

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.