दुराचार पीड़िता नाबालिग ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
मंडला. खटिया थनांतर्गत दुराचार की शिकार नाबालिग ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया है। पीडि़ता की सुरक्षा को लेकर पुलिस की संवेदशीलता भी सामने आई है। पुलिस की मदद के चलते पीडि़ता स्वस्थ्य बच्चों को जन्म दे सकी है। जानकारी के अनुसार सात जून को खटिया थाना में अपनी बूढ़ी मां के साथ एक नाबालिग गर्भवती हालत में पहुंची। बीमार होने के कारण कुछ भी कहने के लिए सक्षम नहीं थी। थाना परिसर में ही बेसुध होने लगी। लड़की की बिगड़ती हालत देखकर खटिया थाना प्रभारी सतीश पटेल ने पुलिस अधीक्षक आरके सिंह से मार्गदर्शन लेकर सम्वेदनशीलता का परिचय देते हुए थाने के शासकीय वाहन से ही नाबालिग गर्भवती पीडि़ता को मोचा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जया गया है। जहां से उसे जिला चिकित्सालय मंडला रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में पीडिता को होश आने पर के बाद भादवि की धारा 376 (1) 376(2) तथा 5 (थ ), 6 पाक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर नाबालिग के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी राजेंद्र मसराम पिता कमल सिंह निवासी राता चौकी टाटरी की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गई। तभी मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि फरार आरोपी राजेंद्र पुलिस से बचते बचते ग्राम छीन्दी पुलिस चौकी अंजनिया में छुपा है। तत्काल पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओपी नैनपुर के निर्देशन में थाना प्रभारी खटिया सतीश पटेल, सउनि कुंवर सिंह बिसेन, प्रधान आरक्षक रूपराम रघुवंशी, सुशील डेहरिया, आर राजेंद्र, देवेंद्र चालक आर भागचंद की टीम ने आरोपी का लगातार पीछा करते हुए ८ जून की आधी रात को छिंदी टोला में दबीश देकर धर दबोचा। जिसे न्यायालय के समक्ष थाना प्रभारी द्वारा पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इधर पीडिता को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर करने पर पुलिस की मदद से उसे जबलपुर भेजा गया। जहां पीडि़ता ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। मां व दोनों जुड़वा बच्चे अब स्वस्थ हैं। खटिया पुलिस द्वारा पीडि़ता को स्वयं की गाड़ी से प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र मोचा ले जाकर इलाज कराना फिर उसे जिला अस्पताल मंडला और फिर जबलपुर भेजने में मदद करना संवेदनशीलता का परिचय दिया गया। साथ ही इसके बाद उतनी ही तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए आरोपी को पकड़कर जेल भिजवा दिया गया।