मंडला मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। मंडला शहर नर्मदा नदी के पास बसा हुआ है, जो इसे तीन तरफ से घेरता है। यहां नर्मदा की पूजा की जाती है और नदी के किनारे कई घाट बनाए गए हैं। यह गोंडवाना साम्राज्य की राजधानी थी, जिसने यहां एक महल और किला बनवाया था, जो उचित देखभाल के अभाव में खंडहर हो गए हैं। राजनीतिक परिवेश की बात करें तो मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। ये सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। लेकिन अब बीते कई लोकसभा चुनावों से इसपर भाजपा का कब्जा है, जिसे फग्गन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बरकरार रखा है।
मंडला लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। शाहपुरा, निवास, लखनादौन, डिंडोरी, मंडला, गोटेगांव, बिछिया, केवलारी यहां की विधानसभा सीटें हैं। यह पूरे डिंडोरी और मंडला जिलों और सिवनी और नरसिंहपुर जिलों के कुछ हिस्सों को कवर करता है।
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भाजपा उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते की जीत
इस बार मंडला सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं। माना जा रहा फग्गन सिंह कुलस्ते की जीत में मोदी फैक्टर ने अहम भूमिका निभाई है। क्योंकि इससे पहले फग्गन को विधानसभा चुनाव 2023 में हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में भाजपा ने उनपर दोबारा भरोसा जताया था। बता दें कि मंडला आदिवासी इलाका है और फग्गन भी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। फग्गन सिंह करीब 8वीं बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। 6 बार के सांसद और केंद्र में ग्रामीण विकास और इस्पात राज्यमंत्री रहे हैं। 18 मई 1959 को पैदा हुए फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी समाज से आते हैं और 80 के दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि, उन्होंने चुनावी राजनीति 1990 में शुरू की और मध्य प्रदेश की विधानसभा (1990-92) में विधायक बने थे। इसके बाद वो 1996 से 2009 तक लगातार मंडला लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि, 2009 में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम से हारने के बाद बीजेपी ने उन्हें 2012 में राज्यसभा भेज दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में वो फिर अपनी परंपरागत सीट से मैदान में उतरे और तब से लगातार दोनों चुनाव जीतकर सांसद बने हुए हैं।
मंडला के बारबटी में रहने वाले फग्गन सिंह की शादी सावित्री कुलस्ते से हुई, जिनसे उन्हें 3 बेटियां और एक बेटा है। उनकी शुरुआती शिक्षा मंडला में हुई। इसके बाद उन्होंने डॉ. हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर और रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर से एमए, बीएड और एलएलबी की पढ़ाई की।
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कांग्रेस उम्मीदवार ओमकार सिंह मरकार हारे
लोकसभा चुनाव में मंडला लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले भाजपा उम्मीदवार के निकटतम प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार मरकार इलाके के तेजी से ऊभरते आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं। ओमकार सिंह मरकाम मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वो प्रदेश कांगेस के महासचिव भी हैं। साल 2008 में ओमकार विधायक चुने गए, वहीं साल 2014 में ये मंडला लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन तब भी उनको हार का सामना करना पड़ा था और अब इस बार भी प्रदेश में चली भाजपा की आंधी में वो अपनी सीट बचाने में असफल रहे।2019 का जनादेश
बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते को 7,37,266 वोट मिले (जीते)कांग्रेस के कमल सिंह मरावी को 6,39,592 वोट मिले
जीजीपी के रामगुलाम उइके को 48,925 वोट मिले