लोकसभा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते सात बार चुनाव लड़े और छह बार जीत भी दर्ज की। पिछले दो पंचवर्षीय से लगातार सांसद बने हुए हैं। इस दौरान कुलस्ते कन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री रहे हैं। उन्होंने जिले में विकास कार्यों की सौगात भी दिलाई। जिसमें चुटका परमाणु परियोजना, बसनिया बांध, हलौन परियोजना, ब्राडगेज, ग्वारा हवाई पट्टी, मेडिकल कॉलेज, नेशनल हाइवे का निर्माण आदि शामिल है। लेकिन करोड़ों की लागत से बनने वाली इन परियोजनाओं को पूरा करना सत्ता पक्ष के लिए विरोधों के कारण मुश्किल हो रहा है।
ग्वारा हवाई पट्टी का काम
जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर हवाई पट्टी तैयार की जा रही है। जिससे कि कन्हा नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों को आवागमन के लिए हाइवाई सुविधा भी मिल सकेगी। लेकिन यह कार्य भी 15 वर्षों से अधर में है। 15 साल बाद भी हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी है। यहां पीडब्ल्यूडी विभाग का निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अधूरी परियोजनाओं पर सांसद का तर्क
अधूरी योजना और विरोध को लेकर केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का कहना है कि जबलपुर से रायपुर को जोड़ने वाली नेशनल हाइवे 30 का नोटिफिकेशन अटल बिहारी की सरकार बनी थी तब जारी किया गया था। इसके बाद 2004 में यूपीए कांग्रेस की सरकार बन गई। 10 साल नेशनल हाइवे में कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद 2014 में मोदी सरकार के बाद काम प्रारंभ हुआ और काम आगे बढ़ा है। कुछ काम शेष है इसके लिए लपरवाह ठेकेदार पर भी कार्रवाई हुई है। रिटेंडर के बाद फिर से काम शुरू कर दिया गया है। चुटका की बात करें तो 99 प्रतिशत किसानों का कंपनसेशन काम पूरा हो चुका है। वहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। शिक्षित, अल्प शिक्षित सभी को योग्यता के अनुसार काम दिलाया जाएगा। बसनिया व हलोन आदि बांध के लिए लोगों को नकारात्मक जानकारी दी जा रही है। बसनिया बांध में सभी की सहमति के बाद ही काम शुरू किया जाएगा।
बिछिया में तैयार हो रही हालोन परियोजना
बिछिया विकासखंड अंतर्गत हलोन परियोजना के तहत लगभग 400 करोड़ की लागत से बिरसा ग्राम के समीप बांध का निर्माण किया जा रहा है। बांध के लिए जमीन अधिग्रहण नीति का ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। इसी के पूर्व में चुनाव बहिष्कार करने का संकल्प लिया था। सुबह से एक भी ग्रामीण मतदान करने नहीं जा रहा था। वहीं निर्माण में भी लगातार गति नहीं आ रही है। परियोजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसी तरह ब्राडगेज मुख्यालय तक तो पहुंच गई है। लेकिन महानगरों से अब भी कनेक्टविटी नहीं है। जिसके कारण इसका फायदा भी स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है।