कारण पता करें
आत्म संतुष्टि कई कारणों से हो सकती है। हो सकता है कि आपका टीम मेंबर कंपनी के विजन को न समझ पाया हो या काम की प्रकृति के कारण बोर हो रहा हो। यह भी हो सकता है कि संभावित कॅरियर ग्रोथ के अभाव में वह सुस्त पड़ गया हो। कारण समझ में आ जाने के बाद चीजों को सही करने के लिए उचित एक्शन ले सकते हैं।
उचित अपेक्षाएं सेट करें
एक बार अपेक्षाएं तय हो जाने के बाद एम्प्लॉई लक्ष्य पर ध्यान देने लगता है। अगर एम्प्लॉई को पता होगा कि उसे क्या डिलीवर करना है तो वह बेहतर तरीके से अपना काम कर पाएगा। इसलिए आपको एम्प्लॉइज को कंपनी द्वारा की जाने वाली अपेक्षाएं बता देनी चाहिए।
संवाद करें
अगर आप एम्प्लॉई के साथ उसकी परफॉर्मेंस और कॅरियर को लेकर संवाद करते हैं तो उसका आपके अंदर विश्वास पैदा होता है और वह लीडर के नजरिये को आगे ले जाने की कोशिश करता है। अगर लीडर उसे बताता है कि उसने किस तरह से कॅरियर में आगे बढऩे की कोशिश की है तो इसका एम्प्लॉई को काफी फायदा होता है।
उन्हें सशक्त करें
आमतौर पर आत्म संतुष्टि प्रेरणा के अभाव में पैदा होती है। संस्थान को इस तरह के एम्प्लॉइज को दिशा प्रदान करने के लिए कोशिश करनी चाहिए। उन्हें डिसीजन्स लेने के लिए टूल्स के साथ सशक्त करें। उनके अंदर ओनरशिप का सेंस पैदा करें। इससे एम्प्लॉइज जरूरी बातों पर फोकस कर पाएंगे।
दिशा-निर्देश प्रदान करें
आत्म संतुष्ट एम्प्लॉई में डायरेक्शन का अभाव होता है। इस वजह से वह सही दिशा में आगे नहीं बढ़ पाता है। आप शॉर्ट टर्म गोल्स सेट करने में उसकी मदद कर सकते हैं। इससे क्विक रिजल्ट्स दिखाई देंगे। प्रगति में राह में आने वाली हर बाधा को दूर हटाने की कोशिश करें। एम्प्लॉई का कोच बनें और उसे अपना बेस्ट आउटकम देने के लिए चुनौतियां भी जरूर दें।