ऑटोमेटिक ऑर्डर प्लेसिंग
लेबर कॉस्ट टेक्नोलॉजी में जिस सिस्टम का उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है वह है ऑटोमेटिक ऑर्डर प्लेसिंग। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले रेस्टोरेंट ऑर्डर लेने के लिए टेबलेट या अन्य सिमिलर डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं। रेस्टोरेंट के वो सेक्शन जहां से कस्टमर ऑर्डर प्लेस करता है वहां इन डिवाइस का रखा जाता है। जिसमें मैन्यू के अलावा उसके इंग्रीडिएंट्स व प्रिपरेशन से सबंधित सभी सूचनाएं उपलब्ध रहती है। ऑर्डर लेने के लिए प्रयोग में लाए जा रहे ऐसे डिवाइस की औसत वैल्यू एक वेटर या लेबर से काफी कम आती है।
प्रिपरेशन और टेक्नोलॉजी
कस्टमर के ऑर्डर देने के बाद यह सर्वर की जिम्मेदारी होती है कि वह किचन ऑर्डर टिकिट जनरेट कर उसे मुख्य किचन के डिस्पले बोर्ड पर शो करें। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यह प्रक्रिया महज कुछ सैकेंड की रह जाती है। इसका फायदा यह है कि कस्टमर का ऑर्डर जल्द पहुंचता है और उस ऑर्डर में क्या कस्टमाइजेशन है उसको लेकर कोई कंफ्यूजन भी नहीं होता है।
इन्वेंटरी तकनीक पर
इसके जरिए स्वयं या फिर आपका एक एम्प्लॉई रेस्टोरेंट की पूरी इन्वेंटरी को आसानी से मैनेज कर सकता है। आधुनिक पोओएस सिस्टम में नोटिफिकेशन, मैसेज जैसी सर्विस भी उपलब्ध है जो आपके कार्य का आसान बनाती है। वहीं यदि आपके रेस्टारेंट्स के आउटलेटस है तो पीओएस आपके लिए अधिक फायदेमंद होगा।
एम्प्लॉई मैनेजमेंट
एम्प्लॉई की परफॉर्मेंस या उसे डायरेक्शन देने का काम भी इस सिस्टम का है। कस्टमर से जो आपको डिजिटली फीडबैक मिल रहा है उसे बेस बनाकर आप अपने एम्प्लॉई को गाइड कर सकते है कि वह किस प्रकार कस्टमर सर्विस को बेहतर करे।