उदय का जन्म मुंबई में गुजराती लोहाना मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके परिवार में 60 सदस्य थे, जो बड़े घर में एक ही छत के नीचे रहते थे। उनके पिता पार्टिशन के बाद कराची से इंडिया आए थे। उनकी फैमिली कॉटन ट्रैडिंग से जुड़ी हुई थी। उदय ने मरीन ड्राइव स्थित हिंदी विद्या भवन में पढ़ाई की। उन्हें क्रिकेट खेलने और सितार बजाने का शौक था।
सिडेनहैम कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज को जॉइन किया। जब वह एमबीए फस्र्ट ईयर में थे तो उनका मेजर एक्सीडेंट हुआ। क्रिकेट खेलने के दौरान उनके सिर पर गेंद लगी और उनकी इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ी। जब ठीक हुए, तो कॉटन एक्सपोर्ट का फैमिली बिजनेस जॉइन किया। एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने तय कर लिया कि उन्हें फैमिली बिजनेस नहीं करना है, क्योंकि हर डिसीजन के लिए परिवार के 14 लोगों से डील करना पड़ता था।
वह हिंदुस्तान लीवर में जॉब के लिए भी सलेक्ट हो गए। मगर उन्होंने 300 स्क्वायर फीट स्पेस के ऑफिस में फाइनेंशियल कंसल्टेंसी का काम शुरू किया। 1985 में उन्होंने कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड कंपनी शुरू की। उनकी मुलाकात आनंद महिंद्रा से हुई।
उन्होंने कंपनी में इन्वेस्ट किया। इसके बाद कंपनी का नाम कोटक महिंद्रा फाइनेंस रख दिया और उनका बिजनेस आकार लेने लगा। फिर उन्होंने सूझबूझ से अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने पर फोकस किया। 2003 में कोटक महिंद्रा फाइनेंस बैंक में कन्वर्ट हो गई। आज उदय का नाम सफल उद्योगपतियों में शुमार है।