साधारण परिवार में असाधारण काम
16 नवंबर 1993 को उड़ीसा के कटक के बिसम में साधारण मारवाड़ी परिवार में जन्मे रितेश अग्रवाल ने ओयो रुम्स की शुरुआत वर्ष 2013 में की थी। ओयो रुम्स स्टार्ट करने से पहले रितेश ने वर्ष 2012 में ओरावल स्टे नाम से एक कंपनी की शुरुआत की थी। जिसे बाद में वर्ष 2013 में उन्होंने ओयो रुम्स में कन्वर्ट कर दिया। रितेश आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
वर्ष 2015 में एक इंटरव्यू के दौरान रितेश अग्रवाल ने बताया था कि उन्हें हॉस्पीटेलिटी सेक्टर में कंपनी का आइडिया टीवी के रिमोट से आया था। रितेश अग्रवाल एंटरप्रेन्योर बनने से पहले बिसाम में सिम कार्ड बेचते थे। स्कूल के बाद रितेश आईआईटी की तैयार के लिए कोटा आ गए लेकिन आईआईटी की तैयारी छोडक़र उन्होंने दिल्ली के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस व फाइनेंस में एडमिशन लिया।
कई देशों में बजता है रितेश का डंका
अपने स्टार्टअप ड्रीम को पूरा करने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद ओरावल स्टे और फिर ओयो रुम्स की शुरुआत उन्होंने गुरुग्राम से की। आज ओयो रुम्स इंडिया के अलावा चीन, नेपाल, यूके, यूएई, दुबई, इंडोनेशिया में भी सर्विस उपलब्ध करा रहा है। कंपनी के अनुसार चीन के 280 शहरों के 5000 होटल में ओयो रुम्स उपलब्ध हैं।