कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण ओपरा की मां उन्हें नानी के पास छोडक़र अन्यत्र चली गईं। जब वह छह साल की हुई तो नानी ने उन्हें मां के पास भेज दिया। हालांकि उनकी मां ज्यादातर समय बाहर रहती थीं। इस दौरान कई रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों ने ओपरा का शारीरिक शोषण भी किया। वह भावनात्मक रूप से काफी टूट चुकी थीं। इससे निजात पाने के लिए वह 13 साल की आयु में मां के पर्स से पैसे चुराकर घर से भाग गईं।
14 साल की उम्र में वह गर्भवती हो गई थीं लेकिन उनका बच्चा नहीं बचा। जब वह हाई स्कूल में थीं तो एक रेडियो में जॉब करने लगीं। 19 साल की उम्र में वह शाम के कार्यक्रम में को-एंकर बन गई। फिर वह दिन में प्रसारित होने वाले कार्यक्रम से जुड़ गई। इसके बाद उन्हें एक टीवी चैनल में न्यूज एंकर की जॉब मिल गई। 1978 में उन्हें ‘पीपल आर टॉकिंग’ टॉक शो में को-होस्ट बनने का मौका मिला। तब उन्हें अपने कॅरियर की वास्तविक मंजिल का अहसास हो गया। इसके बाद ओपरा शिकागो चली गईं।
यहां उन्होंने 1986 में ‘द ओपरा विनफ्रे शो’ शुरू किया। इस शो ने धूम मचा दी और ओपरा को शोहरत दिला दी। 1986 में उन्होंने हार्पो प्रोडक्शंस नाम से कंपनी शुरू की। वह लेखन से भी जुड़ी हैं। वह ओपरा विनफ्रे नेटवर्क की सीईओ हैं। इसके साथ ही समाजसेवा के कार्यों में भी आगे रहती हैं। ओपरा ने जीवन के बुरे दौर से निकलकर खुद को प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाया है। वह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाकर सफलता की बुलंदियों पर पहुंची हैं।