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बेटे को मेरिट में लाने के लिए इस हद तक चली गई मां, कर दिया चमत्कार, जाने कहानी

बच्चों के लिए मां क्या-क्या नहीं करती।

May 04, 2019 / 02:50 pm

सुनील शर्मा

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बच्चों के लिए मां क्या-क्या नहीं करती। बच्चों की जीत में ही उन्हें अपनी सफलता नजर आती है और इस सक्सेस को हासिल करने के लिए वे जी तोड़ मेहनत भी करती हैं। यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है। सीबीएसई 12वीं ह्यूमैनिटीज में 93.6 प्रतिशत मार्क्स हासिल करने वाले मनु गर्ग की सफलता में उनकी मां वंदना गर्ग का बड़ा रोल रहा है। मनु को नौंवी के बाद ही विजन में परेशानी होने लगी थी। धीरे-धीरे 75 प्रतिशत तक विजन लॉस हो गया। उनकी बीमारी को मैकुलर डीजनरेशन कहा जाता है, भारत में हर साल इसके 10 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं। सेंट जेवियर स्कूल के स्टूडेंट मनु की इस परेशानी में स्कूल ने भी साथ दिया।

आईपी में मिले 100 में से 100 मार्क्स
मां वंदना गर्ग बताती हैं, मैं एमए कर चुकी हूं, लेकिन मनु के लिए 22 साल बाद दोबारा पढ़ाई शुरू की। अच्छी बात यह थी कि मेरी इंग्लिश बेहतर थी। मनु जो भी स्कूल में सुनकर आता, मैं उसे बुक रीड़ करवाकर रिवीजन करवा देती। जबकि कम्प्यूटर ये मुझे पढ़ा देता। कभी ये मुझे, कभी मैं इसे पढ़ाती। आईपी में इसे 100 मार्क्स मिले हैं।

मनु का कहना है कि बहुत से लोगों को मुझसे ज्यादा परेशानी है, लेकिन फिर भी वे हार नहीं मानते, तो मैं अपने आपको कमजोर क्यों समझूं। कभी-कभी मुझे भी फ्रस्टेशन होता था, लेकिन मैंने इसे डील करना सीख लिया। स्कूल में जो भी पढ़ाते, मैं उसे बहुत ध्यान से सुनता, फिर घर आकर मां को बता देता। इस तरह हम दोनों की बॉन्डिंग बैठ गई। मनु सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई करना चाहते हैं और भविष्य में आइएएस बनना चाहते हैं। खुशी से लबरेज मां वंदना कहती हैं, ये जहां भी रहा, मैं इसके साथ रहूंगी, जब तक आइएएस नहीं बन जाता, मेरी यह जर्नी भी चलती रहेगी।

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