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बॉलीवुड नहीं पढ़ाई ने दिया साथ
बॉलीवुड छोड़ देने के बाद मयूरी कांगो शादी कर विदेश में सैटल हो गई। वहां उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की और उसके बाद मैनेजमेंट में कॅरियर स्टार्ट किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद मयूरी कांगो एक प्रदर्शन मार्केटिंग एजेंसी ‘परफॉर्मिक्स’ की प्रबंध निदेशक बनीं। वे ‘डिजिटास’ में मीडिया की सहायक निदेशक और ‘जेनिथ’ में मुख्य डिजिटल ऑफीसर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। उनके आधिकारिक लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वे मार्च 2019 में गूगल इंडिया से जुड़ीं।गूगल इंडिया में एजेंसी पार्टनरशिप की इंडस्ट्री हेड बन गई हैं।
आगे के भविष्य को लेकर है सकारात्मक
मयूरी कांगो ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं गूगल का हिस्सा बनने और डीएएन तथा पब्लिसिस के साथ साझेदारी करने के लिए बहुत उत्साहित हूं। मैं लगभग एक दशक के अनुभव का उपयोग कर इस साझेदारी को आगे ले जाने के लिए तैयार हूं। इस अनुभवी टीम का हिस्सा बनना बहुत शानदार अवसर है और मैं अपने पेशेवर जीवन के अगले दौर में आने के लिए उत्साहित हूं।
शादी के बाद की नई शुरूआत
उन्होंने 1995 में बाबरी मस्जिद मुद्दे पर आधारित फिल्म ‘नसीम’ से अभिनय में पदार्पण किया था, लेकिन उनके अभिनय को पहचान महेश भट्ट की ‘पापा कहते हैं’ से मिली, जिसमें उनके साथ जुगल हंसराज भी थे। मयूरी को आखिरी बार ‘बेताबी’, ‘होगी प्यार की जीत’ और ‘बादल’ फिल्मों में देखा गया था। उन्होंने छोटे पर्दे पर भी ‘कहीं किसी रोज’, ‘किटी पार्टी’, ‘कुसुम’ और ‘क्या हादसा क्या हकीकत’ जैसे शो में काम किया है। वर्तमान में उनकी शादी से एक बेटा कियान भी है।