मैनेजमेंट मंत्र

अपनी हॉबी को बनाया कॅरियर, आज देश-विदेश में बांट रहे हैं अपना ज्ञान

उन्होंने अपनी हॉबी को प्रोफेशन के रूप में चुना और आज अपनी इसी कला की बदौलत वो देश-विदेश में नाम और पैसा कमा रहे हैं।

Mar 15, 2019 / 06:39 pm

सुनील शर्मा

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ऐसा बहुत कम होता है कि हम हमारी हॉबी को ही प्रोफेशन बना लें और न केवल प्रोफेशन बनाएं वरन उसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त करें। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे आचार्य अनुपम जौली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन्होंने अपनी हॉबी को ही प्रोफेशन के रूप में चुना और आज अपनी इसी कला की बदौलत वो देश-विदेश में सम्मानित किए गए।

शौकिया तौर पर की थी शुरूआत
जिस उम्र में बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं, उस उम्र से ही अनुपम हाथों की रेखाओं तथा ग्रह-नक्षत्रों की गणनाओं में उलझे रहते थे। अपने खाली समय में वो अपने दोस्तों तथा पड़ौसियों का भाग्य देखने का कार्य करते थे। धीरे-धीरे यही उनका जुनून बन गया और उन्होंने ठान लिया कि ज्योतिष को पूरी तरह सिखना है।

ग्रेजुएशन के बाद शुरू किया कारोबार
उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद कम्प्यूटर हार्डवेयर का बिजनेस शुरू किया। उनका बिजनेस अच्छा चल रहा था परन्तु उनका मन बिजनेस के बजाय ज्योतिष में ज्यादा लगता था। ऐसे में ज्योतिष में उनकी प्रवीणता को देखकर उनके एक शुभचिंतक ने उन्हें ज्योतिष में ही भाग्य आजमाने के लिए कहा। सलाह मानते हुए उन्होंने अपने अच्छे-खासे चल रहे बिजनेस को छोड़ कर ज्योतिष को ही अपना कॅरियर बना लिया और वापस मुड़कर नहीं देखा।

आज विदेशी भी आते हैं ज्योतिष सीखने
विदेशियों में प्राचीन भारतीय विद्याओं के प्रति बढ़ती रूचि के चलते ज्योतिष भी इन दिनों काफी रूझान में है। आचार्य अनुपम जौली के पास इन दिनों ज्योतिष, वास्तु तथा रमल सीखने के लिए विदेशों से काफी स्टूडेंट्स आते हैं। यही नहीं, उन्हें देश-विदेश में ज्योतिष पर हो रहे सेमिनारों में बोलने के लिए भी बुलाया जाता है।

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