यह भी देखें : कंटेंट मार्केटिंग के इन तरीकों से होगा बिजनेस में प्रोफिट यह भी देखें : पब्लिक रिलेशन में बनाए कॅरियर, ये हैं जरूरी टिप्स बात चाहे बिजनेस लाइफ की हो या फिर प्रोफेशनल लाइफ की, आज का दौर प्रतिस्पर्घा का दौर है। ऎसे में अगर दूसरों से आगे रहना है, तो कुछ अलग करना ही होगा। यही कारण है कि आज मल्टी नेशनल कंपनियां अपने प्रोडक्ट को लांच करने के लिए हर तरीके को आजमा रही हैं। इसी के चलते देश-विदेश में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों का आयोजन किया जातमा है, जिसमें प्रदर्शनियों के सहारे बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करती हैं। ऎसे में यह सेक्टर आज युवाओं के लिए एक बेहतर कॅरियर विकल्प बनता जा रहा है। आप कह सकते हैं कि प्रदर्शनी कला (एक्जिबिशन मैनेजमेंट), एक्जिबिशन डिजाइन कम्युनिकेशन, इंजीनियर और इंडस्ट्रियल डिजाइन का सम्मिश्रण है।
एक्जिबिशन मैनेजमेंट क्या है
प्रोडक्ट के प्रदर्शन और विपणन की रणनीति बनाना ही एक्जिबिशन मैनेजमेंट कहलाता है। सौन्दर्य प्रसाधन के स्टॉल लगवाने से लेकर अस्त्र-शस्त्र, हवाई जहाज और टैंकों तक की प्रदर्शनी के समय का चयन, प्रचार-प्रसार कंपनियों को आमंत्रण, प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि की व्यवस्था करना भी एक्जिबिशन मैनेजमेंट के जिम्मे होता है। इन सबको अंजाम देने की जिम्मेदारी एक्जिबिशन मैनेजर की होती है।
प्रोडक्ट के प्रदर्शन और विपणन की रणनीति बनाना ही एक्जिबिशन मैनेजमेंट कहलाता है। सौन्दर्य प्रसाधन के स्टॉल लगवाने से लेकर अस्त्र-शस्त्र, हवाई जहाज और टैंकों तक की प्रदर्शनी के समय का चयन, प्रचार-प्रसार कंपनियों को आमंत्रण, प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि की व्यवस्था करना भी एक्जिबिशन मैनेजमेंट के जिम्मे होता है। इन सबको अंजाम देने की जिम्मेदारी एक्जिबिशन मैनेजर की होती है।
कैसे मिलेगा प्रवेश
देश में यूं तो अभी एक्जिबिशन मैनेजमेंट से संबंधित कहीं कोई अलग से कोर्स संचालित नहीं किया जा रहा है। प्रदर्शनी कला के क्षेत्र में ज्यादातर सफल महिलाएं ही हैं। ऎसा इसलिए कि प्रदर्शनी कला अभी तक गृह प्रबंधन, गृह विज्ञान में बतौर एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाया जाता रहा है। प्रदर्शनी कला में स्वतंत्र अध्ययन की सुविधा देश में केवल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पालडी-अहमदाबाद और इसकी शाखाओं एनआईडी कोर 6, तीसरी मंजिल इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोधी रोड- नई दिल्ली, एनआईडीबी 112, राजीवनगर इंडस्ट्रियल- बेंगलुरू में ही उपलब्ध है। यहां एक्जिबिशन डिजाइन में चार वर्षीय ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन उपलब्ध है। बारहवीं उत्तीर्ण अभ्यर्थी यहां दाखिला ले सकते हैं। चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होता है। प्रदर्शनी कला में कुछ गैर-सरकारी संस्थानों में शॉर्ट टर्म कोर्स भी उपलब्ध हैं। गृह विज्ञान, गृह प्रबंधन में ग्रेजुएट या इंटीरियर डेकोरेशन के डिप्लोमा के बाद यहां दाखिला लिया जा सकता है।
देश में यूं तो अभी एक्जिबिशन मैनेजमेंट से संबंधित कहीं कोई अलग से कोर्स संचालित नहीं किया जा रहा है। प्रदर्शनी कला के क्षेत्र में ज्यादातर सफल महिलाएं ही हैं। ऎसा इसलिए कि प्रदर्शनी कला अभी तक गृह प्रबंधन, गृह विज्ञान में बतौर एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाया जाता रहा है। प्रदर्शनी कला में स्वतंत्र अध्ययन की सुविधा देश में केवल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पालडी-अहमदाबाद और इसकी शाखाओं एनआईडी कोर 6, तीसरी मंजिल इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोधी रोड- नई दिल्ली, एनआईडीबी 112, राजीवनगर इंडस्ट्रियल- बेंगलुरू में ही उपलब्ध है। यहां एक्जिबिशन डिजाइन में चार वर्षीय ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन उपलब्ध है। बारहवीं उत्तीर्ण अभ्यर्थी यहां दाखिला ले सकते हैं। चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होता है। प्रदर्शनी कला में कुछ गैर-सरकारी संस्थानों में शॉर्ट टर्म कोर्स भी उपलब्ध हैं। गृह विज्ञान, गृह प्रबंधन में ग्रेजुएट या इंटीरियर डेकोरेशन के डिप्लोमा के बाद यहां दाखिला लिया जा सकता है।
महिलाओं के लिए अवसर
एक्जिबिशन मैनेजमेंट को अगर एक तरह से महिलाओं के लिए ज्यादा उपयुक्त कॅरियर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। दरअसल, इस फील्ड की डिमांड ही ऎसी है कि यह अपने आप महिलाओं को पुरूषों की तुलना में अधिक अवसर प्रदान करती है। साज-सज्ाा में यूं भी महिलाओं को अधिक योग्य माना जाता है। ऎसे में जो महिलाएं इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहती हैं, उनके लिए यह एक बेहतर कॅरियर साबित हो सकता है।
एक्जिबिशन मैनेजमेंट को अगर एक तरह से महिलाओं के लिए ज्यादा उपयुक्त कॅरियर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। दरअसल, इस फील्ड की डिमांड ही ऎसी है कि यह अपने आप महिलाओं को पुरूषों की तुलना में अधिक अवसर प्रदान करती है। साज-सज्ाा में यूं भी महिलाओं को अधिक योग्य माना जाता है। ऎसे में जो महिलाएं इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहती हैं, उनके लिए यह एक बेहतर कॅरियर साबित हो सकता है।
कुछ प्रमुख संस्थान
– हैदराबाद इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, हैदराबाद
– ए.पी.जी. इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नई दिल्ली
– जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई
– इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग, अहमदाबाद
– बीडी सोमानी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट फैशन एंड टेक्नोलॉजी, मुंबई
– अपर्णा आर्ट गैलरी अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स एंड लिटरेचर, नई दिल्ली
– हैदराबाद इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, हैदराबाद
– ए.पी.जी. इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नई दिल्ली
– जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई
– इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग, अहमदाबाद
– बीडी सोमानी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट फैशन एंड टेक्नोलॉजी, मुंबई
– अपर्णा आर्ट गैलरी अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स एंड लिटरेचर, नई दिल्ली
इसके अलावा कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में भी गृह विज्ञान में प्रदर्शनी कला बतौर एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है।
– महिला डिग्री कॉलेज, लखनऊ
– आई.टी. कॉलेज, लखनऊ
– इलाहाबाद विश्वविद्यालय,
– चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
– लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली
– राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
– महिला डिग्री कॉलेज, लखनऊ
– आई.टी. कॉलेज, लखनऊ
– इलाहाबाद विश्वविद्यालय,
– चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
– लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली
– राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर