क्या है कोडिंग
इसे प्रोग्रामिंग के रूप में भी जाना जाता है। कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन में जितने भी ऐप काम करते हैं उनकी फंक्शनिंग के लिए कोडिंग जरूरी है। कोडिंग के जरिए ही कम्प्यूटर या अन्य सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर डिवाइस को पता चलता है कि उन्हें करना क्या है क्योंकि कम्प्यूटर कोडिंग की भाषा ही समझता है। यह एक तरह से वेबसाइट के पीछे की कहानी है। किसी भी प्रोग्राम की कोडिंग की यदि आप देखना चाहते हैं तो उसके लिए आप कीबोर्ड पर Ctrl+U दबा सकते हैं। इस कोडिंग को तैयार करने के लिए प्रोफेशनल कई तरह की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखते हैं जिसमें एचटीएचएल, सीएसएस, जावा आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
योग्यता से जरूरी है कोडिंग स्किल
जरूरी नहीं कि इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए आपके पास प्रोफेशनल और किताबी ज्ञान ही हो। यदि इस फील्ड में आप सुनहरा भविष्य बनाने की सोच रहे हैं तो आपके पास टेक्नीकल नॉलेज होनी चाहिए। इसके लिए आपको प्रेक्टिकल ट्रेनिंग की आवश्यता पड़ सकती है। इसके लिए कई कम्प्यूटर सेंटर क्लासेज देते हैं साथ ही आप ऑनलाइन कोडिंग भी सीख सकते हैं। इससे वेब डेवलपमेंट की स्किल्स भी सीख सकते हैं।
कॅरियर के विकल्प
खास बात यह है कि यह क्षेत्र इतना व्यापक होता जा रहा है कि हर संस्थान में कम्प्यूटर हैंडलर की जरूरत पडऩे लगी है। ऐसे में कई बड़े कॉर्पोरेट संस्थान ऐसे हैं जिनमें सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपर, वेब डेवलपर, कम्प्यूटर सिस्टम्स इंजीनियर, डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर, कम्प्यूटर सिस्टम्स एनालिस्ट, सॉफ्टवेयर क्वालिटी एनालिस्ट इंजीनियर, बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट, कम्प्यूटर प्रोग्रामर समेत कई पदों पर नियुक्ति देते हैं।
इनोवेटिव सोच मददगार
प्रोग्रामिंग के लिए की जाने वाली कोडिंग के लिए प्रोफेशनल के पास एनालिटिकल, क्वांटिटेटिव और इनोवेटिव तरीके से सोचने और काम करने का हुनर होना चाहिए। इस क्षेत्र में अपनी लगन को बार-बार की प्रेक्टिस से मजबूत बना सकते हैं। आप चाहें तो ऑनलाइन या कहीं से भी छोटे-छोटे असाइनमेंट लेकर उन पर काम करें। ध्यान रखें शुरुआत में कोडिंग में थोड़ा समय लग सकता है।
इंटर्नशिप लें
हालांकि इंटरर्नशिप के दौरान आपको ज्यादा स्पाइपेंड नहीं मिलेगा लेकिन शुरुआत में सीखने के उद्देश्य से यह काफी अच्छा रास्ता है। इस दौरान कई बड़े एक्सपर्ट और कोडिंग एक्सपर्ट से सीखने के साथ ही बेहतरीन टिप्स और ट्रिक्स जानने का मौका भी मिलता है।