एस्ट्रो फील्ड की ज्यादातर जॉब्स कॉलेजेज, यूनिवर्सिटीज, स्पेस ऑब्जर्वेट्रीज, गवर्नमेंट इंस्टीटूशंस या गवर्नमेंट सपोर्टेड स्पेस रिसर्च इंस्टीटूशंस में अवेलेबल होती हैं। लगभग बीस प्रतिशत जॉब्स प्राइवेट इंडस्ट्रीज में हैं, जो की स्पेस से रिलेटेड प्रोजेक्ट्स पर काम करती हैं या स्पेस रिसर्च से रिलेटेड प्रोडक्ट व कॉम्पोनेन्ट मैन्यूफैक्चर करती हैं और लगभग दस प्रतिशत जॉब्स साइंस सेंटर्स, प्लैनेटेरियम, प्राइवेट स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस, सिस्टम ट्रेनिंग व एनवायर्नमेंटल फील्ड में होती हैं।
इन सभी ऑफिसेज की ऑनसाइट व ऑफसाइट जॉब्स में एयरोस्पेस इंजीनियर, डाटा एनालिस्ट, डाटा अल्गोरिथम साइंटिस्ट, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डवलपर, मैकेनिकल इंजीनियर, स्टैटिस्टिकल एनालिस्ट, टेलिस्कोप इंजीनियर, टेलिस्कोप ऑपरेटर, थ्योरेटिकल एस्ट्रोफिसिस्ट, अस्ट्रोनॉमर, रिसर्च साइंटिस्ट, रिसर्च अस्सिस्टेंट, क्लाइमेटोलॉजिस्ट, एनवाइरॉनमेंटोलॉजिस्ट, साइंस राइटर, लैब टेक्नीशियन व इंस्ट्रूमेंट डिजाइनर प्रमुख हैं।
एस्ट्रोनॉमर या एस्ट्रोफिसिसिस्ट की जॉब के लिए बैचलर या मास्टर्स डिग्री किसी भी फिजिक्स या मैथ्स से रिलेटेड डिसिप्लिन से होनी चाहिए। किसी भी ब्रांच से इंजीनियरिंग या बेसिक साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद रिसर्च असिस्टेंट या अस्सिस्टेंट एनालिस्ट की जॉब्स के लिए एस्ट्रो फील्ड में अप्लाई किया जा सकता है। डिटेल्ड एनालिसिस की ट्रेनिंग जॉब के दौरान ही दी जाती है। एस्ट्रो फील्ड में आगे बढऩे के लिए अच्छी कम्यूनिकेशन व राइटिंग स्किल्स भी इम्पोर्टेन्ट रोले प्ले करती हैं। अल्गोरिथम साइंटिस्ट, की जॉब के लिए बेसिक ग्रेजुएशन के बाद एस्ट्रोनॉमी या एस्ट्रोफिजिक्स में मास्टर्स डिग्री जरूरी है।
एस्ट्रो जॉब्स के पैकेज
एस्ट्रो जॉब्स बहुत हाइली पेड जॉब्स में काउंट नहीं की जाती हैं, क्योंकि बेसिक ग्रेजुएशन के बाद अस्सिस्टेंट व डाटा ऑपरेटर के लेवल पर इस फील्ड में 4 से 6 लाख तक के पैकेजेज की जॉब्स होती हैं। लेकिन मास्टर्स/ पीएचडी डिग्री के बाद अगर एनालिटिकल व एस्ट्रोफिजिक्स रिसर्च में देखा जाए तो 8 से 25 लाख तक के पैकेज मिलते हैं। इंटरनेशनल लेवल पर प्रोफेशनल रिसर्च साइंटिस्ट, एस्ट्रोनॉमर्स व एक्सपीरियंस्ड एस्ट्रोफिसिस्ट को 35 लाख से 90 लाख तक के पैकेजेज का प्रोविजन होता है।