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एस्ट्रोनॉट बनने के लिए ऐसे करें तैयारी
इस क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए आपको 12वीं कक्षा से ही अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की जरूरत होगी। कारण, इस क्षेत्र में एंट्री पाने हेतु आयोजित प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है। इस प्रवेश परीक्षा को वैसे तो कई संबंधित संस्थान आयोजित करते हैं लेकिन भारत सरकार के स्पेस डिपार्टमेंट के तहत संचालित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी में कई बेहतरीन कोर्स उपलब्ध हैं। इस संस्थान से चार वर्षीय बीटेक के अलावा कई प्रोग्राम में मास्टर्स डिग्री और ड्युअल डिग्री के साथ पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड डिग्री भी प्राप्त की जा सकती है।
इसमें मुख्य रूप से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एवियोनिक्स में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री के अलावा एस्ट्रोनॉमी व एस्ट्रोफिजिक्स, सॉलिड स्टेट फिजिक्स, अर्थ सिस्टम साइंस व ऑप्टिकल इंजीनियरिंग में एमटेक व मास्टर्स जैसे ड्युअल डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं। साथ ही एयरोडायनेमिक्स, कंट्रोल सिस्टम, जियोइंफॉर्मेटिक्स आदि विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री भी प्राप्त की जा सकती है।
आने वाले समय का शानदार कॅरियर है कैमिफॉर्मेटिक्स
कैमिफॉर्मेटिक्स फील्ड कैमिस्ट्री और इंफॉर्मेटिक्स से मिलकर बना है। इसमें कैमिस्ट्री के क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को कम्प्यूटर और इंफॉर्मेशनल टेक्नीक की मदद से हल किया जाता है। खासतौर से कैमिकल स्पेस के अंतर्गत टोपोलॉजी, कैमिकल ग्राफ थ्योरी, इंफॉर्मेशन रिट्रीवल और डेटा माइनिंग के लिए कैमिफॉर्मेटिक्स का इस्तेमाल होता है। कॅरियर के लिहाज से भी इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए कैमिस्ट्री और मैथ्स विषयों के बारे में अच्छी जानकारी के साथ पकड़़ मजबूत होनी चाहिए।
पर्सनालिटी डेवलपमेंट फील्ड में ऐसे बनाएं कॅरियर
देशभर में कई प्राइवेट और सरकारी संस्थान ऐसी हैं जहां से पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स किया जा सकता है। खासतौर पर इस फील्ड में डिप्लोमा और शॉर्ट टर्म कोर्सेज संचालित होते हैं। इस फील्ड में वैसे तो कोई भी ग्रेजुएट शिक्षा प्राप्त कर सकता है लेकिन साइकोलॉजी में मास्टर्स डिग्री धारी को मदद मिलती है। इसके तहत ह्यूमन बिहेवियर से लेकर पर्सनालिटी ट्रेट्स, कम्युनिकेशन स्किल्स, डिसीजन मेकिंग पावर जैसी सॉफ्ट स्किल्स के बारे में बताते हैं। मुख्य रूप से मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में इस कोर्स की डिमांड ज्यादा होती है। इस कोर्स को करने के लिए रुचि होने के अलावा स्वयं में ड्रेसिंग सेंस, बोलने, लिखने, उठने, बैठने व चलने का तरीका अच्छा होना चाहिए।