scriptसफारी गाड़ी से ले जा रहे थे कछुए, आखिर 390 जिंदा कछुए का क्या करने वाले थे तस्कर? | They were being smuggled in a safari vehicle, what were the smugglers going to do with 390 live turtles? | Patrika News
मैनपुरी

सफारी गाड़ी से ले जा रहे थे कछुए, आखिर 390 जिंदा कछुए का क्या करने वाले थे तस्कर?

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कछुओं की तस्करी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। उनकी सफारी गाड़ी से बड़ी संख्या में जिंदा कछुए बरामद हुए है। आरोपी कछुओं को मैनपुरी से उत्तराखंड ले जा रहे थे।

मैनपुरीJan 27, 2025 / 08:58 am

Aman Pandey

यूपी की एसटीएफ को कई दिनों से प्रतिबंधित कछुए की तस्करी का इन्पुट मिल रहा था। इस पर एसटीएफ ने कई टीमों को लगा रखा था। एसटीएफ फील्ड इकाई कानपुर तस्करों को तलाश में थी। इसी दौरान एसटीएफ को जानकारी मिली की कुछ तस्कर प्रतिबंधित प्रजाति के कछुए को मैनपुरी उत्तराखंड ले जा रहे हैं।

मैनपुरी से 2 तस्कर गिरफ्तार

इनपुट के आधार पर एसटीएफ एक्टिव हो गई। सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। टीम ने वन क्षेत्र अधिकारी रेंज मैनपुरी से बात करते हुए तस्करों को मैनपुरी के जैन इंटर कॉलेज करहल से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों के पास से 11 बोरियों में 390 जिंदा कछुए बरामद हुए हैं।

उत्तराखंड के रहने वाले है दोनों आरोपी

पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तम दास और सलीम के तौर पर हुई है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि पकड़े गए दोनों आरोपी उत्तराखंड के रहने वाले हैं।तस्करों ने पूछताछ में बताया कि वह काफी समय से कछुओं की तस्करी कर रहे हैं। वह मैनपुरी के अशोक कुमार से कछुए लेकर शक्ति फार्म सितारगंज उत्तराखंड जा रहे थे। तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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शक्तिवर्धक दवा बनाने में होता है इस्तेमाल

पकड़े गए तस्कर उत्तम ने बताया कि सितारगंज के विवेक से 80 हजार में कछुआ की तस्करी की बात हुई थी। इस कछुए के मीट का इस्तेमाल खाने में और शक्तिवर्धक दवा बनाने में किया जाता है। वह 2024 में कछुआ की तस्करी में पहले भी जेल जा चुका है।

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