हिंदी मीडियम स्कूल से की पढ़ाई
अपूर्वा ने अपनी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की, लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग करनी थी। इसके लिए अंग्रेजी आना जरूरी था। फिर क्या था वे पूरी लगन के साथ जुट गईं अपने सपनों को साकार करने के लिए।टीवी के इंग्लिश प्रोग्राम देखे, नॉवेल्स पढ़े। बिना शर्म के अंग्रेजी के टूटे फूटे वाक्य बोलना शुरू कर दिए। उनका मानना है कि यदि व्यक्ति अभ्यास करता रहे तो कोई भी चीज सीखी जा सकती है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की और टीसीएस में नौकरी करने लगीं।
अपूर्वा ने अपनी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की, लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग करनी थी। इसके लिए अंग्रेजी आना जरूरी था। फिर क्या था वे पूरी लगन के साथ जुट गईं अपने सपनों को साकार करने के लिए।टीवी के इंग्लिश प्रोग्राम देखे, नॉवेल्स पढ़े। बिना शर्म के अंग्रेजी के टूटे फूटे वाक्य बोलना शुरू कर दिए। उनका मानना है कि यदि व्यक्ति अभ्यास करता रहे तो कोई भी चीज सीखी जा सकती है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की और टीसीएस में नौकरी करने लगीं।
तीन साल निजी कंपनी में नौकरी के बाद आया खयाल तीन साल टीसीएस में काम करने के दौरान उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला। वहां उन्हें देश की सेवा करने का खयाल आया और उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी करने का मन बना लिया। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पीसीएस की तैयारी भी की। तीन बार वे इसमें सफल नहीं हो पायीं, लेकिन चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई। अपूर्वा ने उत्तर प्रदेश पीसीएस 2016 की परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की है। अब वे मैनपुरी की पहली महिला SDM बन गई हैं।