दरअसल, यह घटना मिर्जापुर के भोगांव थाना क्षेत्र का है। यहां के एक किसान किशन लाल ने पांच बीघा खेत में आलू की फसल लगाई थी। जंगली सूअरों से अपने खेत को बचाने के लिए वह खेत में ही झोपड़ी डालकर रहने लगे थे। हादसे की रात घर से खाना खाने के बाद रोजाना की तरह ही वह झोपड़ी में सोने चले गए।
गहरी नींद में सोने के कारण आग का पता नहीं चला
हादसे की रात शायद वृद्ध किसान गहरी नींद में सो गए थे। इस कारण उन्हें आग लगने की जानकारी नहीं हो पाई। कुछ ही देर में पुआल और उपल ने आग पकड़ ली। आग ने इतना प्रचंड रूप ले लिया कि किशन लाल की चीख उसकी लपटों के बीच ही दब कर रह गई। हादसे के बाद जिस किसी ने भी यह मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई।
हादसे की रात शायद वृद्ध किसान गहरी नींद में सो गए थे। इस कारण उन्हें आग लगने की जानकारी नहीं हो पाई। कुछ ही देर में पुआल और उपल ने आग पकड़ ली। आग ने इतना प्रचंड रूप ले लिया कि किशन लाल की चीख उसकी लपटों के बीच ही दब कर रह गई। हादसे के बाद जिस किसी ने भी यह मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई।