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मैनपुरी

स्कूल में अनुसूचित जाति के बच्चे खुद धोते थे बर्तन, खुलासा होने पर प्रधानाध्यापिका निलंबित, रसोइया बर्खास्त

Caste Discrimination case in Mainpuri School Headmistress Suspended- उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक स्कूल में छुआछूत का अजीब मामला सामने आया है। मैनपुरी जिले के दाउदपुर स्थित सरकारी विद्यालय में अनुसूचित बच्चों के भोजन के लिए अलग बर्तन के इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है। बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार करने पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका गरिमा सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया गया है।

मैनपुरीSep 26, 2021 / 01:13 pm

Karishma Lalwani

Caste Discrimination case in Mainpuri School Headmistress Suspended

मैनपुरी. Caste Discrimination case in Mainpuri School Headmistress Suspended. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक स्कूल में छुआछूत का अजीब मामला सामने आया है। मैनपुरी जिले के दाउदपुर स्थित सरकारी विद्यालय में अनुसूचित बच्चों के भोजन के लिए अलग बर्तन के इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है। बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार करने पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका गरिमा सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया गया है। इसी के साथ बच्चों के साथ भेदभाव करने वाली दो रसोइयों को भी काम से बर्खास्त कर दिया गया है।
मैनपुरी के दाउदपुर के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में 80 में से 60 बच्चे अनुसूचित जाति के हैं। लेकिन ये बच्चे मिड डे मील के लिए जिन बर्तनों का इस्तेमाल करते थे, उन्हें स्कूल में अलग रखा गया था। इन बर्तनों को बच्चों को खुद धोना पड़ता था। दोनों रसोइयां इनके बर्तनों का हाथ तक नहीं लगाती थीं। शिकायत मिलने पर स्कूल पहुंचे अधिकारियों ने जांच और शिकायत को सही पाया। मैनपुरी बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कमल सिंह ने कहा कि नवनिर्वाचित सरपंच मंजू देवी के पति द्वारा स्कूल में की गई जातिगत भेदभाव की शिकायत को सही पाया गया। दोनों रसोइयां सोमवती और लक्ष्मी देवी ने अनुसूचित जाति के छात्रों के बर्तनों को छूने से इनकार कर दिया और कहा कि अगर उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया तो वे स्कूल में काम नहीं करेंगे।
बच्चों के माता पिता ने की थी शिकायत

सरपंच मंजू देवी के पति साहब सिंह ने कहा कि कुछ बच्चों के माता-पिता ने 15 सितंबर को भेदभावपूर्ण प्रथा के बारे में बताया था। इसकी पुष्टि करने के लिए वह 18 सितंबर को स्कूल गए तो देखा कि रसोई गंदगी से भरी थी और उसमें केवल 10-15 प्लेटें रखी थी। इस बारे में रसोइयों से पूछने पर पता चला कि रसोई में जो थालियां थीं वे पिछड़े और सामान्य वर्ग के छात्रों की थीं, जबकि 50-60 थालियां अलग-अलग रखी गई थीं। उन्होंने ये भी बताया कि अनुसूचित जाति के छात्रों को अपने बर्तन धोने और रखने के लिए मजबूर किया जाता है, क्योंकि अन्य जातियों का कोई भी उन्हें छूने को तैयार नहीं होता है।
मास्टर धुलवाते हैं बर्तन

अधिकारियों द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद से कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें दाउदपुर स्कूल के बच्चे अपनी थालियों को धोने के लिए एक हैंडपंप का उपयोग करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में इन बच्चों के माता-पिता कहते हैं, ‘यहां बच्चे आते हैं, यहां बर्तन धुलवाए जाते हैं. मास्टर लोग धुलवाते हैं. मैने खुद देखा है. मास्टर से कहा भी लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। बच्चों ने भी बताया, घर पे भी बताया।’
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