चर्चा ये है कि यदि शिवपाल सिंह यादव दूसरी पार्टी में जाने का कदम उठाते हैं, तो सबसे बड़ा झटका अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में लगेगा। बता दें कि मैनपुरी में शिवपाल सिंह यादव की अच्छी पकड़ मानी जाती है। विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान मैनपुरी की एक सीट पर ही सपा को जीत मिली थी, वो भी मैनपुरी सदर से। माना ये भी जा रहा था, कि यदि शिवपाल सिंह यादव पूरी तरह साथ होते और सैफई परिवार में जंग न छिड़ती, तो मैनपुरी के किले को भेदपाना आसान नहीं था।
सैफई परिवार में विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान फूट पड़ी, तो पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी दो गुटों में नजर आये थे। समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ा नुकसान मैनपुरी में ही उठाना पड़ा था। यहां चुनाव से ठीक पहले कई नेताओं ने सपा का दामन छोड़ दिया। कई नेता तो गुपचुप तरीके से दूसरे दलों के प्रत्याशियों को जिताने में जुट गये थे, तो कुछ नेताओं ने खुलकर विरोध किया था। चर्चा यहां तक रही थी, कि ये सभी शिवपाल सिंह यादव के समर्थक थे।