प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त ग्राम सभा के एक दलित नाबालिग लड़की ने 8 मार्च को पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को तहरीर देकर ग्राम प्रधान पति सहित कुल सात लोगों पर अपहरण व बलात्कार का मुकदमा लिखवाया था, लेकिन लेकिन किन्हीं कारणों से कुछ दिन बाद पीड़िता ने सुलह समझौता कर लिया था। अब अचानक पीड़ित नाबालिग ने 20 मई की रात को खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई। जिसकी 21मई की सुबह कमरे के अन्दर प्लास्टिक की रस्सी के फन्दे से लटकती हुई लाश मिली। पुलिस को सूचना दिए वगैर परिजन आनन फानन में दाह संस्कार कर रहे थे तभी किसी की सूचना पर पहुंची पनियरा पुलिस ने चिता से शव को उठवाकर कब्जे में ले लिया उर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जन चर्चाओं पर गौर करें तो यह मामला आत्म हत्या का नहीं ब्लकि संदिग्ध मौत का है। इस मामले का खुलासा पीएम रिपोर्ट आने बाद ही हो सका है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। परिजनों के अनुसार मृतक नाबालिग की शादी भी कहीं तय थी।पनियरा के एसओ का कहना है कि, घटना की जानकारी किसी माध्यम से मिली तो पुलिस ने नाबालिग के शव का पोस्मार्टम करना जरूरी समझा। नाबालिग की मौत की वजह क्या हो सकती है पीएम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा।
input यशोदा श्रीवास्तव