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महोबा

दो भाइयों के लिए यमदूत बन गई योगी की एम्बुलेंस सेवा, तालाब में डूबे दो मासूमों की हुई मौत

दो भाइयों के लिए यमदूत बन गई योगी की एम्बुलेंस सेवा, तालाब में डूबे दो मासूमों की हुई मौत

महोबाJul 01, 2018 / 11:40 am

Ruchi Sharma

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दो भाइयों के लिए यमदूत बन गई योगी की एम्बुलेंस सेवा, तालाब में डूबे दो मासूमों की हुई मौत

महोबा. केंद्र व प्रदेश सरकार की गरीबों को मिलने वाली सरकारी एम्बुलेंस सेवा बीमार हो गयी है। जिसकी बानगी महोबा में देखने को मिली है। पीएचसी से 2 मासूमों को इलाज के लिए जिला अस्पताल ला रही खटारा एम्बुलेंस ने बीच रास्ते में ही साथ छोड़ दिया । हर पल जिंदगी की जंग लड़ रहे दोनों मासूमों ने करीब डेढ़ घंटे तक ख़राब रही एम्बुलेंस के कारण रास्ते में ही दम तोड़ दिया । मृतक मासूमों के परिजनों ने दम तोड़ती एम्बुलेंस को लेकर शासन प्रशासन की बदहाल व्यवस्था का आरोप लगा जमकर हंगामा काटा ।
प्रदेश सरकार की निशुल्क एम्बुलेंस सेवा इस कदर बदहाल हो चुकी है कि रास्ते में ही कभी ख़राब हो जाती है तो कभी उसके टायर फट जाते है। बड़ी बात तो यह है कि इन एम्बुलेंसों के रख रखाव की भी कोई व्यवस्था नहीं है और न ही एम्बुलेंस में स्टपनी है। महोबा में भी ऐसी बदहाल एम्बुलेंस गंभीर बीमारों और घायलों के लिए यमदूत साबित हो रही है।
मामला महोबा जिले के अजनर थाना क्षेत्र बुधवारा गांव का है । जहां अखिलेश का बेटा रूप नारायण अपने चचेरे भाई देवेंद्र के साथ खेलते खेलते बड़ा तालाब की ओर चला गया । तालाब में पहली बारिश के पानी से अनजान मासूम खेल रहे थे । तभी बड़े गड्ढे में अत्यधिक पानी की वजह से 9 बर्षीय देवेंद्र पानी में जा गिरा । देवेंद्र को पानी में डूबता देख उसका 11 बर्षीय बड़ा भाई रूप नारायण बचाने का प्रयास करने लगा ओर दोनों पानी मे समा गए । तमाम प्रयास के बाद दोनों मासूमों को इलाज के लिए पीएचसी जैतपुर लाया गया जहां हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया ।
मगर जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही सरकारी एम्बुलेंस का बीच रास्ते मे टायर पंचर हो गया । एम्बुलेंस में न तो स्टपनी थी और न ही कोई दूसरी एम्बुलेंस उन्हें लेने पहुंची। ऐसे में एम्बुलेंस डेढ़ घण्टे तक रास्ते में ही खड़ी रही। मृतक मासूमों के परिजनों का आरोप है कि एम्बुलेंस की खराबी और करीब डेढ़ घंटे तक इलाज ना मिल पाने के चलते हमारे दोनों मासूमों की मौत हो गयी है । इस दर्दनाक घटना के लिए सरकार और सिस्टम दोनों जिम्मेवार है । हम आपको जिला अस्पताल की वो तस्वीरें भी दिखाते है जिसमे ख़राब एम्बुलेंसों को चालक ही सही करने में लगे है।
किसी एम्बुलेंस का टायर फटा है तो कोई पंचर है। इन्हे रात के अंधेरे में सही किया जा रहा है ताकि सुबह इनके द्वारा गंभीर घायलों को मरीजों को लाया जाएगा। मगर ये कब कहां धोखा दें दें ये आप समझ सकते है। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं में ये एम्बुलेंस आम आदमी के लिए यमराज बनी हुई है।
जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने दोनों ही मासूमों को देखते ही मृत घोषित कर दिया। बच्चों की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। दोनों भाई एक साथ खेलने गए थे मगर उन्हें क्या पता था कि उनका ये दिन आखिर होगा। डॉक्टर एसके सिंह बताते है कि अजनर के बुधवारा गांव से दो मासूमों तालाब में डूब गए थे । पीएचसी जैतपुर से दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज गया था । यहां आने के उपरांत दोनों की मौत हो गयी है ।
बहरहाल भले ही दो मासूमों की मौत हो गई हो और कुछ दिन बाद उनका परिवार सब भूल जायेगा मगर इतना तो साफ़ है कि योगी सरकार की एम्बुलेंस सेवा इस कदर बदहाल हो चुकी है कि कभी भी किसी के लिए भी यमदूत बन सकती है। ऐसे में सरकार को बदहाल हो चुकी एम्बुलेंसों को बेहतर करने की जरूरत है।

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