तीन दिन पहले चर्चा में आया मामला
तीन दिन पहले सालट गांव की एक दरगाह के सालाना उर्स में दरगाह की देखरेख करने वाले कल्लू मियां ने उर्स के प्रसाद के रूप में बिरयानी बांटी। प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिरयानी में मांस मिला हुआ है। इससे उनका धर्म भ्रष्ट हो गया। मामला बढ़ा तो इसको लेकर पंचायत बैठी। पंचायत में मौलाना और हिंदू पंच दोनों जुटे।
पंचायत ने कहा शुद्धिकरण की कीमत 50 हजार
पंचायत ने फैसला सुनाया कि ग्रामीणों के धर्म की शुद्धिकरण के लिए कल्लू मियां कम से कम 50 हजार खर्च करें। इस राशि से जिन ग्रामीणों ने बिरयानी खायी है वे अपने शुद्धिकरण के लिए प्रयागराज गंगा स्नान को जाएंगे। इसके बाद जब वे सालट गांव नहाधोकर लौटेंग तब गांव में भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। ताकि सभी का मन निर्मल हो सके। और उनके पाप धुल सकें। कल्लू मियां ने इस फैसले को मान लिया और ग्रामीणों को 50 हजार रुपये देने के इंतजाम में जुट गए। लेकिन कुछ ग्रामीणों ने मामले को तूल दे दिया। इससे कल्लू मियां की मुसीबतेंं बढ़ गयीं। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने छल से ग्रामीणों को मांसाहारी बिरयानी खिलाई। जब यह मामला तूल पकड़ा और आसपास के गांवों तक यह बात पहुंची तो सालट गांव में हुजूम उमड़ पड़ा।
विधायक बोले-छल से खिलाई मांसाहारी बिरयानी
चरखारी विधायक बृजभूषण राजपूत तक बात पहुंची। मंगलवार को उनसे ग्रामीणों ने शिकायत की उनके धर्म को जानबूझकर भ्रष्ट किया गया। लिहाजा कल्लू मियां के खिलाफ धर्म भ्रष्ट करने का मुकदमा दर्ज किया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। विधायक ने गांव पहुंचकर इस मामले की शिकायत चरखारी थाने में की। अब पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। चरखारी के कोतवाली प्रभारी ने बताया कि उन्हें एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के व्यक्ति के खिलाफ मांसाहारी बिरयानी खिलाकर धर्म भ्रष्ट करने की शिकायत की है। मुकदमा दर्ज करने से पहले मामले की जांच की जाएगी। जांच में दोष साबित होने वर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।