जिलाधिकारी सहदेव ने बताया कि 18 से 60 वर्ष की आयू के श्रमिक पंजीयन करा योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। श्रम विभाग में पंजीयन कराने के साथ ही सेवा केंद्रो के माध्यम से ऑन लाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए एक वर्ष में कम से कम 90 दिन का निर्माण कार्य करने का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। डीएम ने कहा कि पंजीयन के लिए 20 रूपया की धनराशि निर्धारित की गई है। इसके साथ ही एक वर्ष के लिए अंशदान के रूप से 20 रूपया निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयन शुल्क, अंशदान तथा सौर ऊर्जा सहायता योजना में 250 रूपया से अतिरिक्त पैसा मांगने वाले की शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि विभाग में सीधे जाकर श्रमिक पंजीयन करा सकते हैं। श्रमिकों के लिए मातृत्व हितलाभ योजना, शिशु हितलाभ योजना, कामगार मदद योजना, संत रविदास शिक्षा सहायता, मेधावी छात्र पुरूस्कृत, आवासीय विद्यालय, कौशल विकास, कन्या विवाह सहित 17 योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसमें निर्माण कामगार मृत्यु एवं विकलांगता सहायता योजना में श्रमिक की दुर्घटना में मौत होने पर 5 लाख की सहायता दी जा रही है। जबकि सामान्य मौत पर दो लाख रूपया की सहायता मुहैया कराई जा रही है।
पंजीयन न होने पर कार्य स्थल में मौत होने पर भी 50 हजार रूपया की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। पंजीकृत श्रमिक के अंतिम संस्कार के लिए 25 हजार रूपया के साथ ही अक्षमता पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन दी जानी है। डीएम ने योजनाओं का लाभ लेने के लिए पंजीयन कराने की अपील की है।