इस फि़ल्म की भाषा न केवल बुंदेली है बल्कि सभी कलाकार भी बुंदेलखंड के ही जनपदों से लिए गए हैं।
महोबा•Jun 10, 2018 / 01:46 pm•
Ashish Pandey
बुन्देलखण्ड में न तो प्रतिभाओं की कमी है और न ही लगन की, लेकिन मौका और सहुलतों के न होने से ये दोनों चीज ही बेमानी हो जाती है। हम बात कर रहे है बुन्देलखण्ड में उन युवाओं की जो अभिनय को अपना पेशा बनाने की भरसक कोशिशों में लगे हैं। इसकी कोशिशों को पर देने का काम कर रही है महोबा जनपद में संचालित संस्था एएमबी फि़ल्म प्रोडक्शन हाउस। इस संस्था के प्रभारी और फि़ल्म निर्माता अंश कश्यप बुंदेली भाषा और यहां के कलाकारों को पहचान दिलाने की कोशिशों में लगे है।
छुद्र फि़ल्म में अभिनय करने वाले कलाकारों सहित फि़ल्म निर्माता और उनकी टीम को तत्कालीन डीएम अजय कुमार द्वारा सम्मानित भी किया गया था। अपनी आगामी फिल्म शिक्षा को लेकर उत्साहित एएमबी फि़ल्म प्रोडक्शन हाउस फि़ल्म निर्माता अंश कश्यप ने मीडिया हाउस में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि वो बुंदेली भाषा और बुंदेलीवुड के सपने को लेकर चल रहे हैं।
शिक्षा फि़ल्म समाज को आईना दिखाने का भी काम करती है। क्योंकि शिक्षा न तो किसी के दायरे में है और न ही ये मोहताज है। शिक्षा गरीब और अमीर दोनों के निजी और सामाजिक जीवन को बदल सकती है। हमारी फि़ल्म शिक्षा में भी कुछ ऐसा ही है। एक गरीब परिवार की लड़की की कहानी जो शिक्षा को लेकर संजीदा है और आखिर में उसी शिक्षा के बल पर वो अपना भविष्य बदलती है।
संदेश देती इस फि़ल्म की शूटिंग महोबा और हमीरपुर जनपद में पिछले तीन माह से की जा रही है। तीन गानों सहित डेढ़ घंटे की इस फि़ल्म में वो सब कुछ है जो एक परिवार मिलकर देख सकता है। महोबा, हमीरपुर बाँदा और चित्रकूट जनपद के कई कलाकार इस फि़ल्म में काम कर रहे हैं। अंश कश्यप ने बताया कि उनकी हर फिल्म सामाजिक, पारिवारिक माहौल को देखते हुए ही निर्मित की जा रही है। सामाजिक कुरीतियों पर भी फि़ल्म के माध्यम से प्रहार किया जा रहा है। फि़ल्म में मुख्य भूमिका अक्षय सिंह, वैष्णवी स्वर्णकार, शकील खान, तैयब खान, पुनीत सिंह, रितुराज, हरिओम गुप्ता और अरविंद वर्मा निभा रहे हैं। अंश बताते है कि उनकी डेढ़ घंटे की फि़ल्म में दहेज प्रथा, छुआछूत, बेटा-बेटी एक समान, शराब और जुआ जैसी कुरीतियों पर प्रहार किया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जून माह के अंत तक ये फि़ल्म दर्शकों के बीच होगी।
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