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महासमुंद

मंत्री के इस बयान से किसानों में भड़का गुस्सा, बोले- किसानों से माफी मांगें नहीं तो..

निश्चय वाजपेयी ने मंत्री रमशिला साहू के बयान की कड़ी शब्दों में निंदा की है और उन्हें चेतावनी दी है कि वे तत्काल किसानों से माफी मांगें।

महासमुंदDec 14, 2017 / 03:14 pm

चंदू निर्मलकर

CG news
महासमुंद. मंत्री रमशिला साहू के उस बोल से किसानों में आक्रोश फैल गया है, जिसमें उन्होंने रबी में धान की खेती करने वाले किसानों का विद्युत कनेक्शन काटने की बात कही है। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने उन्हें चुनौती दी है कि बिजली काटकर बताएं। वहीं गांवों में किसान बइठका का आयोजन हो रहा है, जिसमें मंत्री के बयान की निंदा की जा रही है और किसान धान बोने के लिए शपथ लेकर खेतों में उतर रहे हैं।
छग किसान मजदूर संघ के जागेश्वर चंद्राकर, संजीव सिन्हा, पारसनाथ साहू, द्वारिका साहू, रूपन चंद्राकर, तेजराम विद्रोही, पुरुषोत्तम चंद्राकर, मदन साहू, सोहन पटेल, पप्पू कोसरे, निश्चय वाजपेयी ने मंत्री रमशिला साहू के बयान की कड़ी शब्दों में निंदा की है और उन्हें चेतावनी दी है कि वे तत्काल किसानों से माफी मांगें। महासंघ द्वारा बुधवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के किसान शासन की दमनकारी नीतियों से हताश होकर एक तरफ आत्महत्या कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनका आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से जिस तरह से मुख्य सचिव के माध्यम से कलक्टर और उप संचालक कृषि ने आदेश जारी किया है, उस प्रदेश के किसान जमकर आक्रोशित हैं। इस आक्रोश को बढ़ाने में आग में घी डालने का काम प्रदेश के मंत्री कर रहे हैं।
महासमुंद में 12 दिसंबर को महिला बाल विकास मंत्री रमशिला साहू ने जिस तरह से धान की खेती करने वाले किसानों का विद्युत कनेक्शन काटने का ऐलान किया है, उससे किसानों में आक्रोश और बढ़ गया है। पूरे प्रदेश में किसान बिजली तिहार अब अपने ढंग से मनाएंगे। जिसमें वे धान की खेती कर बिजली का बिल भी पटाएंगे। जो लोग बिजली कनेक्शन काटने आएंगे उन्हें खंभे पर ही नहीं चढऩे देंगे। धान पर बंदिश को लेकर किसान एकजुट हैं।

ये कहा था मंत्री रमशिला साहू ने
ज्ञात हो कि मंगलवार को जिले में बिजली तिहार कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची मंत्री रमशिला साहू ने जिला मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था शासन प्रशासन द्वारा आगाह करने के बाद भी यदि किसान जानबूझ कर अपने खेतों में रबी में धान की फसल लगाते हैं तो उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वे किसान नहीं हैं, यह आंदोलन तो विपक्ष की राजनीति है। इधर विद्युत विभाग खेतों में टीसी कनेक्शन के लिए आवेदन कर रहे किसानों से अपने खेतों में धान नहीं बोने का शपथ-पत्र मांग रहा है। इससे टीसी कनेक्शन वाले करीब ३० हजार किसान अब भी असमंजस में हैं कि वे रबी फसल लें या नहीं लें। वे बिजली कनेक्शन के लिए शपथ-पत्र देते हैं तो धान की खेती नहीं कर पाएंगे और शपथ-पत्र नहीं देते तो बिजली कनेक्शन नहीं मिल पा रहा। वहीं परमानेंट विद्युत कनेक्शन वाले किसान छग किसान मजदूर महासंघ का समर्थन पाकर अपने खेतों में धान बोआई कर रहे हैं।

किसान विरोधी होने का प्रमाण
किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण पटेल ने कहा है कि किसानों ने कर्ज लेकर अपने खेतों में सिंचाई की व्यवस्था की है, लेकिन धान बोने पर बिजली काटने का बयान देना शासन के किसान विरोधी होने का पक्का प्रमाण है। आज किसानों की स्थिति खराब है प्रदेश में आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को चाहिए की किसानों के लिए ठोस नीति बनाए, न कि पेयजल समस्या के अंदेशा मात्र से हजारों किसानों को बिजली काटने की धमकी देकर फसल लेने से मना कर दे। जिन किसानों के पास पानी है उन्हें धान बोना हक है और सरकार को अगर पेयजल या भू-जल स्तर की चिंता है तो महासमुंद जिला में प्रस्तावित जल परियोजनाओं को तत्काल चालू करे। किसानों के साथ दोहरी नीति अपना कर छलना बंद करे। धान बोने पर बिजली काटने का आदेश तुगलकी फरमान है और मंत्री रमशिला साहू का बयान किसान विरोधी है। इसकी घोर निंदा करते हैं। किसानों के हित में सरकार फैसला ले, नहीं तो किसान हित में व्यापक लड़ाई लड़ी जाएगी।
कोसरंगी में बैठक के बाद धान बोआई शुरू
धान बोने पर बिजली काटने संबंधी मंत्री रमशिला साहू के बयान को लेकर मानस भवन कोसरंगी में बुधवार को किसान बइठका का आयोजन हुआ। इसमें छग किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य जागेश्वर चंद्राकर सहित कोसरंगी के सैकड़ों, किसान मजदूर मौजूद थे। बइठका में गांव के सभी किसानों ने धान बोने की शपथ ली और इसी दिन से अपने ट्यूबवेल चालू कर धान बोने की तैयारी में जुट गए। बैठक में खोमन लाल साहू, सोहन साहू, कार्तिक राम, अमरू राम, उमेश कुमार, नरोत्तम साहू, लखन साहू, प्रीतम साहू, रूपेश कुमार, हीराधर साहू, चंदन साहू, मोहन साहू, बेदराम साहू, सोमनाथ साहू, महेश साहू, तीजू साहू, धन्नू साहू, खुमान साहू, नारायण साहू, तेज विश्वकर्मा बेदलाल साव, छबीराम यादव, सुरेश साहू, घसिया साहू, विमल धु्रव सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
आज बम्हनी में किसानों की आपात बैठक
रबी फसल को लेकर 14 दिसंबर को ग्राम बम्हनी में किसानों की आपात बैठक बुलाई गई है। इसमें ग्राम भुरका, भलेसर, लाफिनकला, लाफिनखुर्द, चिंगरौद, बम्हनी, मचेवा, साराडीह, नांदगांव के किसान शामिल होंगे। लाफिनकला के किसान झलक राम साहू ने बताया कि बैठक में अन्य गांवों के किसान भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बैठक में अधिक से अधिक संख्या में किसानों को आने की अपील की है। श्वेतगंगा में बैठक अपराह्न ३ बजे होगी, जिसमें रबी फसल को लेकर बने ताजा हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

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