ये कहा था मंत्री रमशिला साहू ने
ज्ञात हो कि मंगलवार को जिले में बिजली तिहार कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची मंत्री रमशिला साहू ने जिला मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था शासन प्रशासन द्वारा आगाह करने के बाद भी यदि किसान जानबूझ कर अपने खेतों में रबी में धान की फसल लगाते हैं तो उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वे किसान नहीं हैं, यह आंदोलन तो विपक्ष की राजनीति है। इधर विद्युत विभाग खेतों में टीसी कनेक्शन के लिए आवेदन कर रहे किसानों से अपने खेतों में धान नहीं बोने का शपथ-पत्र मांग रहा है। इससे टीसी कनेक्शन वाले करीब ३० हजार किसान अब भी असमंजस में हैं कि वे रबी फसल लें या नहीं लें। वे बिजली कनेक्शन के लिए शपथ-पत्र देते हैं तो धान की खेती नहीं कर पाएंगे और शपथ-पत्र नहीं देते तो बिजली कनेक्शन नहीं मिल पा रहा। वहीं परमानेंट विद्युत कनेक्शन वाले किसान छग किसान मजदूर महासंघ का समर्थन पाकर अपने खेतों में धान बोआई कर रहे हैं।
किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण पटेल ने कहा है कि किसानों ने कर्ज लेकर अपने खेतों में सिंचाई की व्यवस्था की है, लेकिन धान बोने पर बिजली काटने का बयान देना शासन के किसान विरोधी होने का पक्का प्रमाण है। आज किसानों की स्थिति खराब है प्रदेश में आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को चाहिए की किसानों के लिए ठोस नीति बनाए, न कि पेयजल समस्या के अंदेशा मात्र से हजारों किसानों को बिजली काटने की धमकी देकर फसल लेने से मना कर दे। जिन किसानों के पास पानी है उन्हें धान बोना हक है और सरकार को अगर पेयजल या भू-जल स्तर की चिंता है तो महासमुंद जिला में प्रस्तावित जल परियोजनाओं को तत्काल चालू करे। किसानों के साथ दोहरी नीति अपना कर छलना बंद करे। धान बोने पर बिजली काटने का आदेश तुगलकी फरमान है और मंत्री रमशिला साहू का बयान किसान विरोधी है। इसकी घोर निंदा करते हैं। किसानों के हित में सरकार फैसला ले, नहीं तो किसान हित में व्यापक लड़ाई लड़ी जाएगी।
धान बोने पर बिजली काटने संबंधी मंत्री रमशिला साहू के बयान को लेकर मानस भवन कोसरंगी में बुधवार को किसान बइठका का आयोजन हुआ। इसमें छग किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य जागेश्वर चंद्राकर सहित कोसरंगी के सैकड़ों, किसान मजदूर मौजूद थे। बइठका में गांव के सभी किसानों ने धान बोने की शपथ ली और इसी दिन से अपने ट्यूबवेल चालू कर धान बोने की तैयारी में जुट गए। बैठक में खोमन लाल साहू, सोहन साहू, कार्तिक राम, अमरू राम, उमेश कुमार, नरोत्तम साहू, लखन साहू, प्रीतम साहू, रूपेश कुमार, हीराधर साहू, चंदन साहू, मोहन साहू, बेदराम साहू, सोमनाथ साहू, महेश साहू, तीजू साहू, धन्नू साहू, खुमान साहू, नारायण साहू, तेज विश्वकर्मा बेदलाल साव, छबीराम यादव, सुरेश साहू, घसिया साहू, विमल धु्रव सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
रबी फसल को लेकर 14 दिसंबर को ग्राम बम्हनी में किसानों की आपात बैठक बुलाई गई है। इसमें ग्राम भुरका, भलेसर, लाफिनकला, लाफिनखुर्द, चिंगरौद, बम्हनी, मचेवा, साराडीह, नांदगांव के किसान शामिल होंगे। लाफिनकला के किसान झलक राम साहू ने बताया कि बैठक में अन्य गांवों के किसान भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बैठक में अधिक से अधिक संख्या में किसानों को आने की अपील की है। श्वेतगंगा में बैठक अपराह्न ३ बजे होगी, जिसमें रबी फसल को लेकर बने ताजा हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।